विधानसभा अध्यक्ष राजीव बिंदल को हाईकोर्ट का नोटिस, पढ़ें क्या है मामला

Edited By Vijay, Updated: 04 May, 2019 11:19 PM

high court issued notice to rajiv bindal

विधानसभा अध्यक्ष राजीव ङ्क्षबदल व अन्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े मामले को वापस लेने की अनुमति प्रदान करने वाले निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका में प्रदेश उच्च न्यायालय ने राजीव बिंदल व अन्यों को नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर...

शिमला: विधानसभा अध्यक्ष राजीव ङ्क्षबदल व अन्यों के खिलाफ  भ्रष्टाचार से जुड़े मामले को वापस लेने की अनुमति प्रदान करने वाले निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका में प्रदेश उच्च न्यायालय ने राजीव बिंदल व अन्यों को नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर ने अर्की निवासी पवन ठाकुर द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान उपरोक्त आदेश पारित किए। राजीव बिंदल व अन्यों के खिलाफ  आरोप है कि 30 अप्रैल 1998 को प्रस्ताव पारित कर नगर परिषद सोलन में क्लर्कों, मीटर रीडर, ड्राइवर, कीमैन, चपड़ासी, क्लीनर व सफाई कर्मचारी के पदों को भरने के लिए चयन कमेटी का गठन किया गया।

इस कमेटी के अध्यक्ष राजीव बिंदल थे, दूसरे सदस्यों में देवेंद्र ठाकुर व हेमराज गोयल थे जोकि उस समय नगर परिषद के पार्षद थे। एक अन्य सदस्य सुभाष चंद कलसोत्रा सोलन के तत्कालीन जिला दंडाधिकारी थे उनके पास कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद सोलन का कार्यभार भी था। 3 जून 2000 को एक अन्य चयन कमेटी का गठन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रधान नगर परिषद सोलन जंगी लाल ने की। उसमें पुरुषोत्तम दास चौधरी कार्यकारी अधिकारी, ललित मोहन नगर परिषद अध्यक्ष व कर्म सिंह निजी सहायक चयन कमेटी के सदस्य बनाए गए थे। इनके खिलाफ  आरोप है कि उन्होंने राज्य सरकार की अनुमति व हिमाचल प्रदेश नगर सेवा अधिनियम 1994 के विपरीत साक्षात्कार लेने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर अयोग्य उम्मीदवारों को नौकरियां प्रदान की।

7 जून, 2003 को तत्कालीन मुख्यमंत्री के ध्यान में इस मामले को लाया गया व पुलिस अधीक्षक सतर्कता साऊथ जोन शिमला के सुपुर्द मामला करने के पश्चात इस मामले में जांच की गई। उप पुलिस अधीक्षक राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने इस मामले में जांच रिपोर्ट सौंपी और 2 दिसम्बर 2016 को राज्य सरकार एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो सोलन के समक्ष सभी आरोपियों के खिलाफ  भारतीय दंड संहिता धारा 420 468 471 व 120 बी व भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13 (1) डी व 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच के पश्चात फाइनल रिपोर्ट 17 जुलाई, 2013 को कोर्ट के समक्ष दाखिल की गई। अभियोजन पक्ष द्वारा 7 सितम्बर, 2018 को राजीव ङ्क्षबदल व अन्य आरोपियों के खिलाफ  मामला वापस लेने के लिए विशेष जज सोलन के समक्ष आवेदन दाखिल किया गया।

स्पैशल जज सोलन ने 24 जनवरी, 2019 को अभियोजन पक्ष द्वारा दायर आवेदन को स्वीकार करने के पश्चात राजीव बिंदल  व अन्यों के खिलाफ  मामला वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी। 24 जनवरी 2019 को पारित इस फैसले को हाईकोर्ट के समक्ष याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि बिंदल के प्रभाव के चलते अभियोजन पक्ष द्वारा उनके व अन्यों के खिलाफ  मामला वापस लेने बाबत स्पैशल जज की अदालत के समक्ष आवेदन दाखिल किया गया अन्यथा उनके खिलाफ  लगे आरोपों में कानूनी मामला वापस लेने का कोई आधार नजर नहीं आता है।

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