हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद काम पर नहीं लौटे सैहब कर्मी, निगम के नोटिस को भी दिखाया ठेंगा

Edited By Ekta, Updated: 07 May, 2018 10:51 AM

high court in spite of order did not return to work sahib personnel

प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सैहब सोसायटी के कर्मचारी काम पर नहीं लौटे हैं। न्यायालय ने हड़ताल कर रहे सैहब सोसायटी के कार्यकर्ताओं को आदेश दिए हैं कि वह तुरंत काम पर लौट आएं, यदि वह नहीं लौटते हैं तो निगम को उनकी सेवाएं तुरंत प्रभाव से समाप्त...

शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद सैहब सोसायटी के कर्मचारी काम पर नहीं लौटे हैं। न्यायालय ने हड़ताल कर रहे सैहब सोसायटी के कार्यकर्ताओं को आदेश दिए हैं कि वह तुरंत काम पर लौट आएं, यदि वह नहीं लौटते हैं तो निगम को उनकी सेवाएं तुरंत प्रभाव से समाप्त करने और नए लोगों को काम पर रखने के आदेश जारी किए हैं। इतना ही नहीं अगर सोसायटी का कोई भी कार्यकर्ता कोर्ट के आदेशों की अवहेलना करता है तो उसके खिलाफ अवमानना का मामला चलाया जाएगा। प्रशासन ने भी अदालत के आदेशों के बाद कर्मचारियों को नोटिस जारी किया था कि यदि वह रविवार को काम पर नहीं लौटते हैं तो उनकी सेवाओं को समाप्त कर दिया जाएगा। इन आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल जारी रखी, ऐसे में डोर-टू-डोर गारबेज कलैक्शन नहीं हुई। 


इसके चलते शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। वहीं घरों में भी कूड़े के ढेर लग गए हैं। जाहिर है कि सैहब कर्मी समझौता करने को तैयार नहीं है वे मांगों के लिए कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। विडंबना है कि उनके और एम.सी. प्रशासन के बीच विवाद का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है, ऐसे में पहाड़ों की रानी शिमला की सुंदरता पर गंदगी का दाग लग रहा है। आलम यह है शहर की सभी वार्डों सहित पुराना बस स्टैंड, राम मंदिर के समीप व अन्य स्थानों पर गंदगी पसरी है। लोअर जाखू, संजौली के समीप अप्पर सांगटी में स्थिति बदतर हो गई है। बहरहाल हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होगी।


सैहब कर्मियों की हड़ताल 6 दिन से जारी
इन कर्मचारियों की हड़ताल पिछले 6 दिनों से जारी है। मांगों को मनवाने के लिए हड़ताल पर जुटे कर्मचारियों ने दो टूक कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। इसके चलते लोगों को खुद गारबेज सैंटरों तक कूड़ा पहुंचाना पड़ रहा है। यही नहीं कुछेक स्थानों पर जंगलों और नालों पर भी लोग कूड़ा ठिकाने लगा रहे हैं।


एस्मा एक्ट किया जा सकता है लागू
निगम जिलाधीश के माध्यम से एस्मा एक्ट को लागू कर सकता है। इस संबंध में निगम प्रशासन ने कर्मचारियों को नोटिस के माध्यम से अवगत करवा दिया है। आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है। हालांकि एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को इस संबंध में सूचित करना पड़ता है। एस्मा अधिकतम 6 माह के लिए लगाया जा सकता है और इसके लागू होने के बाद यदि कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दंडनीय है।

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