यहां आज भी पालकी पर उठाकर सड़क तक पहुंचाए जाते हैं मरीज

Edited By Vijay, Updated: 21 Oct, 2018 09:33 PM

here the patients are taken to the road on the sedan

चुराह उपमंडल की ग्राम पंचायत टिकरीगढ़ के एक दर्जन गांव अभी तक सड़क सुविधा को तरस रहे हैं। इस पंचायत के कई गांवों के लोग अभी तक पैदल ही पगडंडियों के माध्यम से सड़क तक पहुंचते हैं, ऐसे में ये गांव अभी भी विकास की दृष्टि से काफी पिछड़े हुए हैं।

तीसा: चुराह उपमंडल की ग्राम पंचायत टिकरीगढ़ के एक दर्जन गांव अभी तक सड़क सुविधा को तरस रहे हैं। इस पंचायत के कई गांवों के लोग अभी तक पैदल ही पगडंडियों के माध्यम से सड़क तक पहुंचते हैं, ऐसे में ये गांव अभी भी विकास की दृष्टि से काफी पिछड़े हुए हैं। हैरानी की बात है कि देशभर में सैंकड़ों गांवों को सड़क से जोडऩे वाली प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का चुराह में वजूद ही नजर नहीं आ रहा है। यह योजना 500 तक की आबादी को सड़क से जोडऩे के लिए बनी है लेकिन चुराह में सैंकड़ों घर अभी भी ऐसी जगह हैं जहां इस योजना का एक भी पैसा खर्च नहीं हो पाया है।

सड़कों का जाल बिछाने के दावे, हकीकत कुछ और
चुराह के कई मंचों पर सड़कों का जाल बिछाने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन हकीकत में अधिकतर क्षेत्र के लोगों को सफर पैदल ही तय करना पड़ रहा है। यहां पर अगर कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे पालकी या पीठ पर उठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। कई बार तो गंभीर स्थिति में मरीज सड़क पर पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देता है। ऐसा ही एक मामला रविवार को सामने आया। जब 12 वर्षीय गुलजार पुत्र रमजान निवासी ग्राम पंचायत टिकरीगढ़ गांव दलवीं जिसका पी.जी.आई. चंडीगढ़ में दिल का आप्रेशन हुआ है, को रविवार को अपने घर लाया गया लेकिन उसके गांव में सड़क न होने के चलते उसे पालकी में बिठाकर घर तक पहुंचाना पड़ा।

इन गांवों में नहीं पहुंची सड़क
टिकरीगढ़ पंचायत के टिकरीगढ़, शिमरा, कुठार, दलवाई, लड़बड़, बेहीपन, करमूंड-1, करमंूड-2, करमूंड-3, भरनी, पुखियाला, ढकयाड़ा, किहाए, मंगलोआ, दशलाड़ी, सुदलेरा, सिलेरा व चुटेरा गांवों के लोग अभी तक सड़क सुविधा से महरूम हैं। ऐसे में उन्हें रोजमर्रा के कार्यों को करने में परेशानी उठानी पड़ रही है। इन गांवों में अगर कोई बीमार पड़ जाए जाए तो उसे पालकी पर उठाकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है।  स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क बनाने बारे कई बार सरकार व विभाग से गुहार भी लगा चुके हैं लेकिन हर बार उन्हें आश्वासनों के सिवाय कुछ नहीं मिलता है।

रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं मरीज
टिकरीगढ़ पंचायत के सड़क से वंचित गांवों में यदि किसी के साथ कोई दुर्घटना या अनहोनी हो जाए तो लोगों की जान पर बन आती है। इन गांवों से सड़क तक पहुंचने के लिए लगभग 3 घंटे लग जाते हैं। इस दौरान कई बार गंभीर हालत में मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देता है। यही नहीं, गर्भवती महिलाओं को भी अस्पताल ले जाने के लिए पालकी का सहारा लेना पड़ता है।

क्या कहते हैं लोक निर्माण विभाग के अधिकारी
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता हर्ष पुरी का कहना है कि टिकरीगढ़ पंचायत में सड़क सुविधा से वंचित गांवों को सड़क से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए 12 लाख रुपए का टैंडर ठेकेदार को आबंटित किया गया है। उससे आगे की सड़क का प्राकलन तैयार किया जा रहा है। जल्द उसका भी टैंडर आमंत्रित कर सड़क का कार्य युद्धस्तर पर किया जाएगा। इन सभी गांवों को जल्द सड़क सुविधा प्रदान की जाएगी।   

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