यहां चल रहा गोरखधंधा, लोगों ने प्रशासन से पूछा कब होगा चम्बा रेहड़ी-फड़ी मुक्त

Edited By Ekta, Updated: 28 May, 2018 03:25 PM

here running gork business

ऐतिहासिक चम्बा शहर के लिए रेहड़ी-फड़ियों को कोई नासूर कहता है तो कोई इसे बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करवाने का प्रभावशाली माध्यम कहता है। इस स्थिति के बीच पिछले कुछ समय से जिला प्रशासन ने इसे हटाने के लिए नगर परिषद को निर्देश जारी कर रखे हैं। मजेदार...

चम्बा (विनोद): ऐतिहासिक चम्बा शहर के लिए रेहड़ी-फड़ियों को कोई नासूर कहता है तो कोई इसे बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करवाने का प्रभावशाली माध्यम कहता है। इस स्थिति के बीच पिछले कुछ समय से जिला प्रशासन ने इसे हटाने के लिए नगर परिषद को निर्देश जारी कर रखे हैं। मजेदार बात यह है कि जब प्रशासन इस बारे में निर्देश जारी करता है तो उसके अगले 2 दिनों तक नगर परिषद चम्बा पूरी तरह से इस विषय को लेकर सक्रिय नजर आती है। लेकिन फिर स्थिति ढाक के तीन पात वाली बन जाती है। ऐसे में प्रशासन के आदेश जहां अब महज एक मजाक बनकर रह गए हैं तो वहीं रेहड़ी-फड़ी यूनियन भी प्रशासन के निर्देशों को प्रभावहीन बनाने के लिए अपनी सक्रियता दिखाती रही है। कुल मिलाकर प्रशासन व रेहड़ी-फड़ी यूनियन के बीच यह विषय नाम का प्रश्न बन चुका है। इस पर लोगों की राय ही बंटी हुई नजर आती है। यही वजह है कि अब चम्बा में रेहड़ी माफिया पैदा हो चुका है जोकि प्रशासन के लिए एक चुनौती बना हुआ है। 


स्ट्रीट वैंडिंग कमेटी की सक्रियता पर उठते हैं सवाल 
उपमंडलाधिकारी चम्बा की अगुवाई में बनी स्ट्रीट वैंडिंग कमेटी की सक्रियता पर भी लोग अक्सर प्रश्न लगाते हुए नजर आते हैं। इसकी वजह यह है कि जिला मुख्यालय के मुख्य बाजार में वर्तमान में 50 से 100 के करीब अवैध रेहड़ियां व फड़ियां मौजूद हैं जबकि परिषद के परमिट धारकों की संख्या 90 के करीब है। ऐसे में इतनी अधिक संख्या में अवैध रेहड़ियों व फड़ियों के होने के चलते वैंडिंग कमेटी चम्बा की सक्रियता सवालों में घिरती है। यही नहीं, जिला मुख्यालय में जिस स्थान को नो-वैंडिंग जोन घोषित किया गया है वहां यह लगी हुई हैं जबकि जो स्थान वैंडिंग जोन घोषित किया गया है, वहां कोई भी मौजूद नहीं है। यही वजह है कि लोग स्ट्रीट वैंडिंग कमेटी की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाने में सफल हो रहे हैं। 


90 दुकानों के निर्माण की तैयार है योजना 
नगर को अवैध फड़ियोंसे निजात दिलाने के लिए स्ट्रीट वैंडिंग कमेटी ने लोक निर्माण विभाग के सहयोग से नगर के भटोलू मार्ग पर 90 दुकानों के निर्माण की योजना का प्रारूप तैयार किया है। इस कार्य पर 1 करोड़ रुपए खर्च आने की बात कही है। मजेदार बात है कि अभी तक इस कार्य अथवा योजना का वजूद महज कागजों तक ही समिति है। अभी तक इस कार्य को बजट कौन मुहैया करवाएगा इस बारे में स्थिति साफ नहीं है। इतना जरूर है कि नगर परिषद चम्बा इसके लिए शहरी विकास विभाग के पास गुहार लगाने वाली है लेकिन अभी तक यह उम्मीद बेहद कम नजर आ रही है कि इसके लिए जल्द पैसा मुहैया हो सकेगा।


लाखों रुपए कमाने का सरल माध्यम
नगर में अवैध रेहड़ी-फड़ी लगाकर कुछ वर्षों के बाद उसी के दम पर लाखों रुपए की कमाई करने का धंधा चला हुआ है। नगर परिषद चम्बा जब से वजूद में आई है तब से अब तक अगर उसके परमिट धारकों की जांच-पड़ताल की जाए तो कई ऐसे लोगों के नाम सामने आएंगे जिन्होंने एक नहीं बल्कि 2-2 बार नगर परिषद चम्बा से अवैध रेहड़ी-फड़ी के दम पर दुकानों को हासिल किया और बाद में उन दुकानों को लाखों रुपए में बेचकर फिर से रेहड़ी-फड़ी लगा रखी है। ऐसे में अवैध रेहड़ी-फड़ी लगाकर लाखों रुपए की कमाई करने का यह सबसे सरल व सहज तरीका है। यही कारण है कि पिछले कई वर्षों से चंद लोग ही इस कार्य को अंजाम देने में जुटे हुए हैं।


न्यू सब्जी मंडी का वजूद हुआ समाप्त  
परिषद चम्बा ने पुलिस सिटी के पीछे न्यू सब्जी मंडी का निर्माण किया। यहां पर उन लोगों को दुकानें दी गईं जोकि सड़क पर अवैध रेहड़ियां व फड़ियां लगाकर सब्जी बेचने का काम करते थे। कुछ माह तक यह न्यू सब्जी मंडी खूब चली लेकिन बाद में ये दुकानें धीरे-धीरे बिकती चली गईं और अब यहां से न्यू सब्जी मंडी का नामोनिशान तक गायब हो चुका है। इसी मंडी में दुकानें बेचने वाले अब फिर से अवैध रेहड़ियां व फड़ियां लगाए हुए हैं।  

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