यहां फसल में रासायनिक खाद डाली तो रूठ जाते हैं देवता, पढ़ें खबर

Edited By kirti, Updated: 06 Nov, 2018 12:29 PM

here in the crop chemical fertilizer cast it goes rath are there god

देवभूमि कुल्लू के विभिन्न देव स्थानों पर अनोखे देव नियम और परंपरा निभाई जा रही है। आधुनिक दौर में जहां अधिक फसल उगाने के लिए रासायनिक खादों का प्रयोग किया जा रहा है, वहीं यहां देव नियम और प्राचीन परंपरा अनुसार गोबर के सिवाय रासायनिक खादों पर पाबंदी...

कुल्लू : देवभूमि कुल्लू के विभिन्न देव स्थानों पर अनोखे देव नियम और परंपरा निभाई जा रही है। आधुनिक दौर में जहां अधिक फसल उगाने के लिए रासायनिक खादों का प्रयोग किया जा रहा है, वहीं यहां देव नियम और प्राचीन परंपरा अनुसार गोबर के सिवाय रासायनिक खादों पर पाबंदी है। जिला के विश्व प्राचीनतम गांव मलाणा में सदियों से खेत-खलिहानों में रासायनिक खादों का प्रयोग नहीं किया जाता है। देव नियम भंग करने पर देवता रूठ जाते हैं और अनहोनी होने की आशंका रहती है। यहां के लोग खाद को अपने हाथों से स्पर्श तक नहीं करते हैं। लोग देव आदेशों का प्रमुखता से पालन करते हैं। इसी के चलते लोगों ने देव स्थल के समीप खेत-खलिहानों में रासायनिक खाद न डालने की कसम खाई है। हालांकि घाटी के कई स्थानों पर भी इस देव नियम का पालन किया जाता है लेकिन मलाणा गांव में अलग तरीके से देव परंपरा का निर्वहन किया जाता है।

देवलुओं की मानें तो खाद में हड्डियों और अन्य अपशिष्ट पदार्थों का प्रयोग होता है। इससे देव धरा अपवित्र हो जाती है। मलाणा निवासी मोती राम, बुध राम व हरि दास आदि का कहना है कि मलाणा में रासायनिक खादों और दवाइयों का प्रयोग नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि उन्हें पुराने देव रीति-रिवाज का निर्वहन करना पड़ता है। अगर वे खाद का प्रयोग करेंगे तो उनकी धरती अपवित्र हो जाएगी और खेतों में कोई भी फसल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि अभी तक किसी ने खाद का प्रयोग नहीं किया है। उनके मुताबिक अगर आधुनिकता का दौर देखकर खाद का प्रयोग किया तो देवता रूठ जाते हैं।

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