कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देख विवि ने तैयार किया हर्बल मॉइस्चराइजिंग सैनिटाइजर

Edited By kirti, Updated: 23 Mar, 2020 11:12 AM

herbal moisturizing sanitizer

कोरोना वायरस के चलते देश में सैनिटाइजर की बढ़ती मांग को देखते हुए डा.यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विवि नौणी ने हर्बल मॉइस्चराइजिंग सैनिटाइजर तैयार किया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसे बनाने में विश्व स्वास्थ्य संगठन ..

सोलन (पाल): कोरोना वायरस के चलते देश में सैनिटाइजर की बढ़ती मांग को देखते हुए डा.यशवंत सिंह परमार बागवानी एवं वानिकी विवि नौणी ने हर्बल मॉइस्चराइजिंग सैनिटाइजर तैयार किया है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसे बनाने में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के सभी दिशा निर्देशों का पालन किया गया है। नौणी विवि द्वारा तैयार किए गए सैनिटाइजर बाजार में बढ़ती इसकी मांग को पूरा करने में जहां सहायक होगा वहीं इसकी कीमतें भी नियंत्रित होगी। कोरोना वायरस के कारण सैनिटाइजर की यकायक मांग बढ़ने के कारण इसकी कालाबाजारी शुरू हो गई है। इसके चलते लोगों का यह महंगे दामों पर खरीदने पड़ रहे है। केन्द्र सरकार ने इसे आवश्यक वस्तु घोषित किया है। फिर भी इसकी कालाबाजारी व कीमतें नियंत्रित होने का नाम नहीं ले रही है।
PunjabKesari

इसे देखते हुए नौणी विवि ने आगे कदम बढ़ाते हुए हर्बल मॉइस्चराइजिंग सैनिटाइजर को तैयार किया। यह सैनिटाइजऱ विश्वविद्यालय के वन उत्पाद विभाग के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया है । विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ परविंदर कौशल द्वारा इसे लांच किया गया है। यह सैनिटाइजर विवि द्वारा कर्मचारियों और शोधकर्ताओं के उपयोग के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा। प्रिंसिपल फाइटोकेमिस्ट डॉ यशपाल शर्मा की अगुवाई वाली टीम में वैज्ञानिक डॉ मीनू सूद, डॉ रोहित शर्मा और विश्लेषक चित्रलेखा भारद्वाज, ने इस सैनिटाइजऱ को बड़े ही कम समय में विश्वविद्यालय के अनुसंधान फार्म में विकसित हर्बल उत्पादों का उपयोग करके तैयार किया है।

पहले चरण में विश्वविद्यालय के सभी कार्यालयों और विभागों को सैनिटाइजऱ मुफ्त में वितरित किए जाएंगे। डॉ यशपाल शर्मा ने बताया कि सैनिटाइजऱ को विश्वविद्यालय में उगाए गए स्थानीय हर्बल उत्पादों का उपयोग करके विकसित किया गया है। इस हैंड-सैनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा डब्ल्यूएचओ के दिशा-निर्देशों के अनुसार है और इसका उपयोग वायरल और बैक्टीरियल स्ट्रेन से बचाने के लिए किया जा सकता है। उन्होनें बताया कि अल्कोहल का उपयोग करने के अलावा, जो कीटाणुनाशक का काम करता है, इस सैनिटाइजऱ में कई हर्बल और वन उत्पादों का उपयोग किया गया है जो सैनिटाइजऱ की गुणवत्ता को बढ़ाता है। इसमें हर्बल ऑइल और उत्पाद हैं, जो एंटीसेप्टिक गुणों को बढ़ाते हैं और बैक्टीरियल दूषण के खिलाफ कार्य करते हैं। इसे उपयोग पर त्वचा को मॉइस्चराइज भी रहती है और साथ में ठंडा और सुगंधित भी रखता है।

नौणी विवि के कुलपति डॉ परविंदर कौशल ने सैनिटाइजर विकसित करने में वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह गर्व का दिन है कि विश्वविद्यालय एक ऐसे समय में जब सभी को ऐसे उत्पादों की आवश्यकता है, वन संपदा से विकसित एक पर्यावरण अनुकूल उत्पाद जारी करने में कामयाब हुआ है। उन्होंने वैज्ञानिकों से सभी मापदंडों पर और अध्ययन करने का आग्रह किया जहां उत्पाद को और बेहतर बनाया जा सकता है। डॉ कौशल ने वैज्ञानिकों को ऐसे और इको-फ्रेंडली उत्पादों को विकसित करने का आग्रह किया, जिन्हें स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कच्चे माल से आसानी से विकसित किया जा सकता है। इस अवसर पर वानिकी महाविद्यालय के डीन डॉ कुलवंत राय शर्मा, व्यवसाय प्रबंधन विभाग के हैड डॉ के.के1 रैना, संयुक्त निदेशक अनुसंधान डॉ रविंदर शर्मा और वन उत्पाद विभाग के वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!