हार्ट और ब्रेन के मरीज अब नहीं होंगे PGI रैफर, IGMC ने दी बड़ी राहत

Edited By Ekta, Updated: 21 Feb, 2019 02:13 PM

heart and brain patients will not be now pgi refer

हार्ट और ब्रेन के मरीज अब आई.जी.एम.सी. से पी.जी.आई. चंडीगढ़ रैफर नहीं होंगे। प्रशासन 2 महीने के अंदर अस्पताल में डिजिटल सब्सट्रैक्शन एंजियोग्राफी (डी.एस.ए.) मशीन स्थापित करेगा। प्रदेश के मरीजों के लिए यह एक राहत भरी खबर है। प्रदेश में पहली बार...

 

शिमला (जस्टा): हार्ट और ब्रेन के मरीज अब आई.जी.एम.सी. से पी.जी.आई. चंडीगढ़ रैफर नहीं होंगे। प्रशासन 2 महीने के अंदर अस्पताल में डिजिटल सबस्ट्रैक्शन एंजियोग्राफी (डी.एस.ए.) मशीन स्थापित करेगा। प्रदेश के मरीजों के लिए यह एक राहत भरी खबर है। प्रदेश में पहली बार आई.जी.एम.सी. में यह मशीन लगाई जा रही है। इस मशीन के स्थापित होने से एक तो मरीजों का खर्च कम होगा वहीं दूसरी ओर कम समय में बेहतरीन इलाज होगा। इस मशीन की सबसे खास बात तो यह है कि हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक के बाद यदि मरीज 1 से 4 घंटे के गोल्डन ऑवर्स में भी अस्पताल में नहीं पहुंच पाएगा तो भी 24 घंटे तक उसकी सर्जरी संभव हो सकेगी। डिजिटल सबस्ट्रैक्शन एंजियोग्राफी मशीन से 24 घंटे के भीतर मरीज की सर्जरी से उसे ठीक किया जा सकेगा। 

आई.जी.एम.सी. में इस्टैब्लिंग इंटरवेशनल रेडियोलॉजी यूनिट में मरीजों को ऑप्रेट किया जाएगा। पहली बार रेडियोलॉजी विभाग न केवल मरीज की बीमारी डायग्नोज करेगा, बल्कि उनका इलाज भी करेगा। हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक के दौरान किसी भी मरीज को यदि 4 घंटे में किसी कारण क्लोटिंग खोलने वाला इंजैक्शन नहीं लग पाएगा तो डी.एस.ए. मशीन से चिकित्सक जहां पर क्लोटिंग हुई है, उसे देखकर आर्टरी के तहत उस ब्लॉकेज को खोल देंगे। इससे मरीज ठीक हो सकेगा। इससे पहले आई.जी.एम.सी. में यह सुविधा नहीं थी, मगर अब डी.एस.ए. मशीन लगने के बाद मरीजों को इसका फायदा होगा। इससे पहले मरीजों को पी.जी.आई. में यह सुविधा मिलती थी। सरकार ने अपने बजट में इसके लिए प्रावधान कर दिया है। प्रशासन ने दावा किया है कि जल्द ही अब इस मशीन को खरीदा जाएगा।

ब्रेन की नसों में आई दिक्कतों का पता भी लगाएगी मशीन

यह मशीन ब्रेन की नसों में आई प्रॉब्लम को ढूंढने और फिर सर्जरी करने में भी मदद करेगी। ब्रेन में होने वाली क्लॉटिंग यानी थक्के और सिर की एंजियोग्राफी करने में भी इस मशीन से मदद मिलेगी। इस मशीन से नसों की क्वायलिंग, स्टैंटिंग, एन्योरिस्म व वेरिकोंस जैसी जटिल बीमारियों की जांच और सर्जरी दोनों ही संभव है।

50 हजार से लेकर 5 लाख रुपए तक में होती है सर्जरी

पी.जी.आई. की अगर बात की जाए तो मौजूदा समय में डी.एस.ए. टैस्ट 1 हजार रुपए में हो रहा है। टैस्ट के बाद इसी मशीन की मदद से होने वाली ब्रेन की सर्जरी भी संभव है। यह सर्जरी 50 हजार से लेकर 5 लाख रुपए तक में होती है।

 

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