स्वास्थ्य मंत्री ने विपक्ष के आरोपों का बेबाकी से दिया मुंहतोड़ जवाब

Edited By Ekta, Updated: 02 Sep, 2018 10:08 AM

health minister gave up silent reply to allegations of opposition

हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर की वर्तमान सरकार के 7 महीनों में हुए कार्यों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने पंजाब केसरी से विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बात की। इस बातचीत में उन्होंने अपने विभाग में चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं के बारे में तो...

कांगड़ा: हिमाचल प्रदेश में जयराम ठाकुर की वर्तमान सरकार के 7 महीनों में हुए कार्यों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने पंजाब केसरी से विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बात की। इस बातचीत में उन्होंने अपने विभाग में चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं के बारे में तो बताया ही, साथ में प्रदेश की राजनीति में आगामी लोकसभा चुनावों के बारे में भी अपनी राय रखी। स्वास्थ्य मंत्री ने इस बातचीत में विपक्ष के आरोपों का भी बेबाकी से मुंहतोड़ जवाब दिया। पेश हैं बातचीत के अंश।

सबसे महत्वपूर्ण विभाग, कांग्रेस सरकार के राज में इस विभाग को कहां काऊंट करते थे और आज कहां?
स्वास्थ्य संस्थानों की मात्र घोषणाएं करने से या वहां फट्टे लगाने से ही स्वास्थ्य संस्थान पूरी तरह से कार्यशील नहीं होते। अस्पताल को चलाने के लिए आधारभूत ढांचा ही नहीं, वहां पर डाक्टरों, पैरा मैडीकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों की भी जरूरत होती है। सरकार के इन 8 महीनों की मैं अपनी कार्रवाई देख रहा था और पिछली कांग्रेस की सरकार की कार्रवाई को भी देख रहा था। उन्होंने जो घोषणाएं कीं, वे मात्र घोषणाएं ही रहीं। उनमें न कोई आधारभूत ढांचे की चिंता की गई और न ही डाक्टरों व पैरा मैडीकल स्टाफ की चिंता की गई। जो हमें आज विरासत में मिला है, उससे हमने मुंह नहीं मोड़ा है। आम जनता का विभाग है, इसलिए दिन-रात काम कर रहे हैं। 

7 महीनों में आपके विभाग ने क्या खास किया?
इन 7 महीनों में हमने 300 मैडीकल अफसर वॉक इन के जरिए रखे, 200 मैडीकल अफसर हिमाचल पब्लिक सर्विस कमीशन के माध्यम से आने वाले दिनों में रखे जाएंगे। आने वाले दिनों में 732 नर्सें, फार्मासिस्ट व लैब अटैंडैंट आदि को रखने की प्रक्रिया भी सरकार द्वारा शुरू कर दी गई है, वहीं 200 आयुर्वैदिक मैडीकल अफसरों की नियुक्ति करने जा रहे हैं तथा 100 ए.एम.ओ. भी नियुक्त कर लिए गए हैं और 100 ए.एम.ओ. पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा नियुक्त करेंगे। लगभग 52 एम.ओ. डैंटल भी नियुक्त कर दिए हैं। 

स्वास्थ्य विभाग में क्या प्राथमिकताएं भाजपा सरकार की रहेंगी? 
यह आम जनता से जुड़ा हुआ विभाग है। इसलिए आम जनता का विभाग ऐसा मान कर मैं चलता हूं। आमजन को घर-द्वार पर स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ सस्ती व मुफ्त दवाइयां मिलें, यह हमारी यानी जयराम सरकार की प्राथमिकता है।  

एम.सी.आई. निरीक्षण के दौरान डाक्टरों के तबादले निरीक्षण स्थान पर कर दिए जाते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए विभाग क्या करेगा?
पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान एम.सी.आई. के निरीक्षण के उपरांत डाक्टरों को किसी अन्य जगह भेजा दिया जाता रहा होगा परंतु भाजपा के कार्यकाल में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। हमने सभी जगह फैकल्टी पूरी की है। जहां पर फैकल्टी की कमी है, वहां पर संबंधित प्रिंसीपल को कहा है कि वह इंटरव्यू कंडक्ट करें और नियुक्ति करें। 

बिलासपुर के एम्स का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है, चम्बा, मंडी और सिरमौर के मैडीकल कालेजों की भी कोई अच्छी खबर सुनने को नहीं आती है। सरकार की इन पर आगे की क्या योजना है? 
प्रदेश में 7 मैडीकल कॉलेज हैं। हिमाचल छोटा सा प्रदेश है लेकिन हर मायनों में देश के अन्य राज्यों की तुलना में कहीं आगे है, वहीं स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में भी हिमाचल अग्रणी है। सभी मैडीकल कॉलेजों में हमारे द्वारा एम.बी.बी.एस. की कक्षाएं शुरू कर दी गई हैं। इसी वर्ष हमीरपुर में 100 सीटें भरकर कक्षाएं शुरू कर दी हैं। इन सभी कालेजों के लिए प्रशासनिक भवन बनने हैं तथा लैक्चर थिएटर तैयार करने के लिए राशि केंद्र की ओर से मिल गई है। सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कार्य शुरू कर दिया जाएगा। प्रदेश में एक लाख लोगों पर 8 डाक्टर फिलवक्त हैं। आने वाले दिनों में हमारी सरकार एक लाख लोगों पर 11 डाक्टरों का अनुपात बना देगी और आने वाले 3 वर्षों के बाद 750 मैडीकल अफसर विभाग द्वारा निकाले जाएंगे। 

आपको जिला पालक की जिम्मेदारी दी गई है। उसकी क्या कार्य योजना रहेगी?
पार्टी में कार्यकर्ता के नाते मैंने काम किया है। मैंने कभी यह अपेक्षा नहीं कि मुझे काम करने पर कुछ मिलेगा। संगठन ने जो-जो मुझे जिम्मेदारी दी है, उसको मैंने निभाने की कोशिश की है। संगठन ने मुझे पालक की जिम्मेदारी दी है, उसे भी पूरी तरह निभाऊंगा और हिमाचल में 4 सीटों पर भाजपा ही जीतेगी।

मंत्रिमंडल के फेरबदल पर आपका क्या कहना है? 
यह देखना मुख्यमंत्री का एकाधिकार है कि जिन मंत्रियों को जो विभाग दिया गया है, वहां वे कैसा कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का एकाधिकार है कि वह परफॉर्मैंस के आधार पर समीक्षा कर सकते हैं व परिवर्तन कर सकते हैं।

रैफरल अस्पतालों पर आपके विभाग द्वारा क्या कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 
मेरे पास रोजाना अस्पतालों की ओ.पी.डी. की डिटेल आती है। 4 दिन पहले आई.जी.एम.सी. में 3,442 ओ.पी.डी.हुई है। जो मरीजों को अटैंड कर रहे हैं, वे डाक्टर भी आदमी हैं। डॉक्टरों का प्रयास रहता है कि वे अच्छी तरह मरीजों का इलाज करें। कुछ अस्पताल व सी.एच.सी., पी.एच.सी. रैफरल अस्पताल बन गए हैं। सर्दी-जुकाम पर भी आई.जी.एम.सी. में भेज दिया जा रहा है। जिन बीमारियों का इलाज सी.एच.सी. में हो सकता है, उन्हें आई.जी.एम.सी. व मैडीकल कालेज में न भेजा जाए इसके लिए योजना बनाई गई है और उसे जल्द लागू कर दिया जाएगा।

शांता प्रत्याशी होंगे तो पार्टी अवश्य जीतेगी
क्या कांगड़ा-चम्बा लोकसभा क्षेत्र से इस बार कोई नया चेहरा पार्टी उतारेगी या शांता कुमार ही पार्टी के लिए पहली पसंद रहेंगे।

ये सारे मामले पार्टी ही निश्चित करती है कि कौन प्रत्याशी होगा। हमारा केंद्रीय नेतृत्व जो भी निश्चित करेगा, उसके लिए हम काम करेंगे और शांता जी इस लोकसभा सीट से प्रतिनिधित्व करते आए हैं। अगर पार्टी हाईकमान निश्चित करती है कि शांता कुमार उक्त क्षेत्र से प्रत्याशी होंगे तो पार्टी अवश्य जीत दर्ज करेगी।

विपक्ष यह भी कह रहा है कि सरकार में आर.एस.एस. का सीधा दखल है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के हम सेवक हैं, वह ही हमारा मूल विचार है। जहां पर कांग्रेस यह आरोप लगा रही है कि सरकार का स्टेयरिंग किसी और के पास है। आर.एस.एस. के सुझाव समय-समय पर आते हैं, उन सुझावों को हम सुनते हैं तथा उनको ध्यान में रखते हुए लागू करते हैं। आर.एस.एस. के सुझाव हमारे लिए पथ-प्रदर्शक का काम करते हैं। यह कहना कि स्टेयरिंग उनके पास है, यह तथ्यहीन है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!