Edited By Vijay, Updated: 09 Jan, 2019 10:59 PM
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री किशन कपूर के आपराधिक मामले को बंद करने के खिलाफ दायर याचिका को गुणवत्ताहीन पाए जाने पर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने अरुण देव बिष्ट द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए उसे...
शिमला: खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री किशन कपूर के आपराधिक मामले को बंद करने के खिलाफ दायर याचिका को गुणवत्ताहीन पाए जाने पर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर ने अरुण देव बिष्ट द्वारा दायर याचिका को खारिज करते हुए उसे यह छूट दी कि वह क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ आपत्ति दर्ज करने के लिए विशेष जज वन की अदालत के समक्ष आवेदन दाखिल कर सकता है। गौरतलब है कि मंत्री किशन कपूर के खिलाफ दर्ज मामले को बंद करने हेतु सत्र न्यायाधीश (वन) की अदालत के समक्ष राज्य के सतर्कता विभाग ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है जिस पर 20 दिसम्बर को सुनवाई निर्धारित की गई है।
किशन कपूर के खिलाफ यह आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2008 में तत्कालीन धूमल सरकार में शहरी विकास मंत्री तथा हिमुडा के चेयरमैन रहते अपने और धर्मपत्नी के अलावा कुछ अन्य लोगों को डिस्क्रीशनरी अधिकार के तहत प्लाट आबंटित कर दिए थे। इसे लेकर अरुण देव बिष्ट द्वारा दायर याचिका में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सतर्कता विभाग को जांच करने के आदेश जारी किए थे।
किशन कपूर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने की सूरत में हाईकोर्ट ने अरुण देव बिष्ट द्वारा दायर याचिका का 30 दिसम्बर, 2013 को निपटारा कर दिया था। प्रार्थी ने अपनी याचिका में यह आरोप लगाया था कि सतर्कता विभाग ने उसकी आपत्ति को सुने बगैर ही न्यायालय के समक्ष क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी जबकि कानूनन क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने से पूर्व प्रार्थी को सुना जाना अति आवश्यक था।