HC ने कौशल विकास भत्ते में जताई घोटाले की आशंका, तलब किया पूरा रिकॉर्ड

Edited By Ekta, Updated: 11 Dec, 2018 10:19 AM

hc fears scams skill development allowance

प्रदेश हाईकोर्ट ने युवा बेरोजगारों को मिलने वाले कौशल विकास भत्ते में घोटाले की आशंका जताते हुए उन सभी संस्थानों का ब्यौरा मांगा है जो इस भत्ते को प्रशिक्षुओं में आबंटित करते हैं। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने इसे...

शिमला (मनोहर): प्रदेश हाईकोर्ट ने युवा बेरोजगारों को मिलने वाले कौशल विकास भत्ते में घोटाले की आशंका जताते हुए उन सभी संस्थानों का ब्यौरा मांगा है जो इस भत्ते को प्रशिक्षुओं में आबंटित करते हैं। मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने इसे प्रथम दृष्टया विभिन्न शिक्षण संस्थानों द्वारा बेरोजगार युवाओं का प्रशिक्षण के नाम पर शोषण बताया। कोर्ट ने कौशल विकास भत्ते के सभी लाभार्थियों व पीड़ित बेरोजगारों की सूची भी स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए। कोर्ट ने उन सभी शिक्षण अथवा ट्रेनिंग संस्थानों का ब्यौरा भी मांगा है जिन्हें राज्य सरकार हर महीने 1,000 रुपए प्रति प्रशिक्षु कौशल भत्ता जारी करती है। 

भत्ते से जुड़े सभी संस्थानों का ब्यौरा पेश करने के दिए आदेश 

कोर्ट के समक्ष आए एक मामले के अनुसार सिरमौर जिला के संगड़ाह में पंजीकृत डी.आई.सी.ई. एजुकेशन सोसायटी को कौशल विकास भत्ते में गड़बड़ी की आशंका के मद्देनजर रोजगार अधिकारी ने 6 अप्रैल, 2018 को आदेश जारी कर ब्लैक लिस्ट कर दिया था। सोसायटी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए इस आदेश को निरस्त करने की मांग की है। प्रार्थी सोसायटी के अनुसार वह वर्ष 2016 से बेरोजगार युवाओं को संगड़ाह, हरिपुरधार व शिलाई में अपने संस्थानों के माध्यम से आई.टी. व नॉन आई.टी. ट्रेड में प्रशिक्षण दे रही है। प्रशिक्षण सत्र 2017-18 में उसके संस्थानों में 221 दाखिले हुए। प्रार्थी के अनुसार अचानक सोसायटी के चेयरमैन कुलदीप सिंह के खाते में बेरोजगारी भत्ते वाली राशि गलती से आनी शुरू हो गई। इस वर्ष मार्च महीने में इसकी शिकायत उसने संबंधित अधिकारियों सहित पुलिस में भी की।

8 जनवरी को होगी  मामले पर सुनवाई

अप्रैल में रोजगार कार्यालय ने उसे 35,000 रुपए की राशि लौटाने व सोसायटी को ब्लैक लिस्ट करने के आदेश जारी कर दिए। हालांकि सोसायटी के चेयरमैन ने इस राशि को वापस भी कर दिया लेकिन इसे ब्लैक लिस्ट कैटेगरी से नहीं हटाया। कोर्ट ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान प्रथम दृष्टया पाया कि इस तरह के कथित घोटाले प्रदेश के अन्य स्थानों में भी हुए या हो रहे होंगे। कोर्ट ने आशंका जताते हुए कहा कि हो सकता है कि कौशल विकास भत्ते का लाभ पात्र बेरोजगार प्रशिक्षुओं को न मिल रहा हो। मामले पर सुनवाई 8 जनवरी को होगी।




 

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