Edited By Vijay, Updated: 06 Feb, 2019 05:55 PM
एक सड़क हादसे में जिला ऊना के हरोली के चंदपुर माजरा गांव के शमशेर सिंह ने दुर्घटना में बुरी तरह घायल अपनी पत्नी के अंग दान करने का निर्णय लेकर न केवल एक प्रेरणादायी फैसला किया बल्कि पत्नी सुषमा राणा को भी अमर करने का काम किया है। सुषमा राणा के...
ऊना (अमित): एक सड़क हादसे में जिला ऊना के हरोली के चंदपुर माजरा गांव के शमशेर सिंह ने दुर्घटना में बुरी तरह घायल अपनी पत्नी के अंग दान करने का निर्णय लेकर न केवल एक प्रेरणादायी फैसला किया बल्कि पत्नी सुषमा राणा को भी अमर करने का काम किया है। सुषमा राणा के गुर्दे व कॉर्निया और आंखें अब 4 लोगों को नया जीवन दे रहे हैं। बता दें कि शमशेर की पत्नी सुषमा 30 जनवरी को स्कूटी दुर्घटना में बुरी तरह घायल हो गई थी और उसके सिर पर अधिक चोट लगी थी। घायल अवस्था में उसे ऊना अस्पताल लाया गया, जहां से गंभीर अवस्था में उसे पी.जी.आई. चंडीगढ़ भेजा गया। जहां उसने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।
शमशेर और सुषमा के भाई ने दिखाई हिम्मत
पी.जी.आई. में अंगदान का कार्य देखने वाली टीम ने शमशेर सिंह से संपर्क कर उन्हें अंगदान बारे जानकारी दी और काऊंसलिंग की गई। हालांकि इस मौके पर किसी भी प्रकार का फैसला लेना कोई आसान काम नहीं था लेकिन शमशेर सिंह के साथ सुषमा के भाई ने भी हिम्मत दिखाई और अंगदान करने का फैसला लिया। इसके बाद पी.जी.आई. की ट्रांसप्लांट टीम ने तुरंत करवाई करते हुए सुषमा के 2 गुर्दे व 2 कॉर्निया के लिए जरूरतमंद रोगियों को बुलाया। सभी टैस्ट कर मिलान किया गया और गुर्दे व कॉर्निया को 4 रोगियों में सफलता से ट्रांसप्लांट किया गया।
शमशेर को हमेशा खलेगी जीवनसाथी की कमी
ऐसे पुण्य व साहसिक फैसले से शमशेर सिंह का गम चाहे खत्म नहीं हो सकता लेकिन पत्नी की कमी व जीवनसाथी के जाने का खालीपन सदैव खलेगा। इतना हौसला भी जरूर होगा कि सुषमा के कारण 4 लोगों को नया जीवन मिला है। शमशेर सिंह का कहना है कि परिवार के सदस्य का बिछडऩा क्या होता है, इसका एहसास परिवार का सदस्य खोने से महसूस कर रहा हूं। आज जब मेरे बच्चों को मां की जरूरत थी तो सुषमा हमें छोड़ कर चली गई। मुझे आशा है कि मेरे निर्णय से दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी और यही मेरी पत्नी को सच्ची श्रद्धांजलि है। सुषमा अपने पीछे दो बेटियां और एक बेटा छोड़ गई है। शमशेर ने सड़क हादसों का शिकार होने वाले लोगो के परिजनों से भी अंगदान करने की अपील की है।
परिवार बोला-सुषमा जीवित, 4 लोगों को दिया नया जीवनदान
वहीं परिवार की मानें तो सुषमा की सामाजिक कार्यों में काफी रुचि थी इसलिए वो अपना ज्यादातर समय समाजसेवा में ही लगाती थी। परिवार की मानें तो मौत के बाद सुषमा जीवित है और 4 लोगों को नया जीवनदान दिया है। आज सुषमा की कमी महसूस हो रही है और यह कमी जीवन भर हमें महसूस होती रहेगी।