हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट निगम ने कामगारों के लाखों रुपए पर मारी कुंडली

Edited By Vijay, Updated: 30 Jan, 2019 03:55 PM

handloom handicraft corporation captured millions of rupees of workers

हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम एवं एक्सपोर्ट कार्पोरेशन में कार्य करने वाले 21 कामगारों को पिछले 2 माह से न्यूनतम वैजिज के तहत दिया जाने वाला वेतन नहीं मिला है तो साथ ही पिछले 2 वर्षों से इन कामगारों को बोनस भी जारी नहीं किया गया है, ऐसे में कार्पोरेशन के इन...

चम्बा: हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम एवं एक्सपोर्ट कार्पोरेशन में कार्य करने वाले 21 कामगारों को पिछले 2 माह से न्यूनतम वैजिज के तहत दिया जाने वाला वेतन नहीं मिला है तो साथ ही पिछले 2 वर्षों से इन कामगारों को बोनस भी जारी नहीं किया गया है, ऐसे में कार्पोरेशन के इन कामगारों के समक्ष आर्थिक तंगी की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में सरकार से यह गुहार लगाई जाती है कि वह उनकी इन मांगों को जल्द पूरा करे। दी चम्बा हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट एवं एक्सपोर्ट कार्पाेरेशन वर्कर्ज यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल ने यूनियन के उपप्रधान किशोरी लाल की अगुवाई में अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम के उपाध्यक्ष जय सिंह को इस बारे में अपना ज्ञापन सौंपते हुए यह बात कही। इस प्रतिनिधिमंडल में यूनियन के सचिव रमेश कुमार भी शामिल रहे। किशोरी लाल व रमेश कुमार ने बताया कि कार्पाेरेशन में 9 लोग चम्बा तो 12 लोग तीसा में कार्यरत हैं। इन कुल 21 लोगों को बीते दिसम्बर के साथ जनवरी माह का वेतन नहीं मिला है।

कामगार को महज 7,000 रुपए का मानदेय  

उन्होंने बताया कि वर्तमान में एक कामगार को महज 7,000 रुपए का मानदेय मिलता है जोकि आज की महंगाई में बेहद कम है लेकिन इसे भी हर माह नहीं दिया जाता है। कभी 2 माह तो कई बार 3 माह का लंबा इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 2,99,484 रुपए 2 माह का मानदेय तो वर्ष 2016-17 तथा 2017-18 का बोनस जोकि 1,33,745 रुपए बनता है तो साथ ही एरियर जोकि 1 अप्रैल, 2018 से नवम्बर, 2018 का 66,528 रुपए बनता है अभी तक जारी नहीं किया गया है।

शीघ्र जारी की जाए बकाया राशि

उन्होंने कहा कि पहले ही कार्पोरेशन के ये कामगार कमजोर आर्थिक स्थिति का शिकार हैं, ऐसे में अगर उन्हें उनकी मेहनत का पैसा भी समय पर नहीं मिलेगा तो फिर यह वर्ग अपने परिवार का कैसे भरण-पोषण करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2017 में हर माह की 7 तारीख को उन्हें उनका मानदेय न्यूनतम दैनिक वेतन के रूप में प्राप्त होता रहा लेकिन अब ऐसा नहीं है, ऐसे में सरकार से यह आग्रह है कि उनकीबकाया राशि को शीघ्र जारी किया जाए ताकि यह वर्ग वित्तीय संकट के इस दौर से निजात पाने में सफल हो सके।

क्या बोले अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम  के उपाध्यक्ष

अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास निगम  के उपाध्यक्ष जय सिंह ने कहा कि यह बात प्रतिनिधिमंडल द्वारा ध्यान में लाई गई है जिसके चलते इस बारे में हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट एवं एक्सपोर्ट कार्पोरेशन के अध्यक्ष से बात की जाएगी और इस वर्ग की मांगों को पूरा करने का आग्रह किया जाएगा। उम्मीद है कि इस वर्ग की मांगें जल्द पूरी होंगी।

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