Edited By kirti, Updated: 30 Jul, 2019 03:24 PM
बरसात के मौसम में आपदा प्रबंधन पर जिलाधीश द्वारा विशेष बैठकें की जाती हैं तथा इस मौसम में होने वाले नुक्सान व आपदा से निपटने के बड़े-बड़े प्लान तैयार किए जाते हैं। प्रशासन के यह सब प्लान व बैठकें तब धराशायी नजर आती हैं, जब धरातल पर इनके लागू होने की...
हमीरपुर : बरसात के मौसम में आपदा प्रबंधन पर जिलाधीश द्वारा विशेष बैठकें की जाती हैं तथा इस मौसम में होने वाले नुक्सान व आपदा से निपटने के बड़े-बड़े प्लान तैयार किए जाते हैं। प्रशासन के यह सब प्लान व बैठकें तब धराशायी नजर आती हैं, जब धरातल पर इनके लागू होने की बारी आती है। मामला हमीरपुर से पटलांदर वाया री-चलोखर सड़क मार्ग का है, जहां पर पुंग खड्ड के पुल से 200 मीटर दूरी पर पहाड़ी दरकने लगी है। पहाड़ी का एक बड़ा खंड गिरने की कगार पर है। पिछले साल भी उक्त जगह पर पहाड़ी के बड़े-बड़े शिलाखंड गिरे थे, जिनकी वजह से वाहन चालकों व राहगीरों को समस्या का सामना करना पड़ा था। इस बार भी उक्त जगह पर पहाड़ी दरकने से एक बड़ा शिलाखंड सड़क पर कभी भी गिर सकता है तथा कोई भी बड़ी दुर्घटना के होने की संभावना बनी हुई है।
लोक निर्माण विभाग की बात करें तो विभाग आपदा प्रबंधन की बैठक में सड़क सुरक्षा उपलब्ध करवाने में फिसड्डी साबित हो रहा है। पुंग खड्ड के पास दरक रही इस पहाड़ी से वाहन चालकों व राहगीरों के बचाव के लिए विभाग की ओर से अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। विभागीय कार्रवाई की गति को देखते हुए लगता है कि शायद विभाग पहाड़ी से गिरने वाले खंड के सड़क पर आ गिरने के इंतजार में है, तब तक विभाग की ओर से इस संबंध में कार्रवाई करना नामुमकिन सा नजर आता है।