Edited By Updated: 25 Nov, 2016 01:45 AM
वीरवार आधी रात 500-1000 के नोट दवाई की दुकानों, पैट्रोल पंपों, रेलवे काऊंटर व गैस एजैंसियों आदि पर बंद होने की खबर का वीरवार को मिलाजुला असर देखने को मिला। वीरवार सुबह से ही पैट्रोल.....
शिमला: वीरवार आधी रात 500-1000 के नोट दवाई की दुकानों, पैट्रोल पंपों, रेलवे काऊंटर व गैस एजैंसियों आदि पर बंद होने की खबर का वीरवार को मिलाजुला असर देखने को मिला। वीरवार सुबह से ही पैट्रोल पंपों पर जहां वाहनों की टंकियां फुल करवाने की होड़ लगी रही, वहीं अस्पतालों में मरीजों की संख्या में सामान्य दिनों की तरह ही भीड़ रही। नोट बंद होने की कहीं भी ज्यादा हड़बड़ी लोगों में नहीं दिखाई दी।
इसके अलावा बैंकों व एटीएम पर लोगों की भीड़ पैसों के लेन-देन के लिए कम नहीं हुई है। नोटबंदी के बाद हमीरपुर जिला में अब तक 400 करोड़ से ज्यादा पैसे जमा हो चुके हैं। हालांकि देर शाम केंद्र सरकार ने दवाई की दुकानों व पैट्रोल पंपों आदि पर 500-1000 हजार के नोट चलाने की अवधि 15 दिसम्बर तक बढ़ा दी है जिससे लोगों ने राहत की सांस ली।
सोलन जिला की बात करें तो 16 दिनों में अब तक सोलन व अर्की में करीब 343 करोड़ रुपए से अधिक कैश जमा हो चुका है। इसमें सबसे अधिक पीएनबी में 228 करोड़ रुपए जमा हुआ है। वहीं नोटबंदी के बाद जिला ऊना में 14 नवम्बर तक कांगड़ा केन्द्रीय सहकारी बैंक की सभी शाखाओं में करीब 136 करोड़ रुपए पुराने 500 और 1000 रुपए के रूप में जमा हुए थे। डाकघरों में अब तक 40 करोड़ रुपए से अधिक की करंसी जमा हो चुकी है।
जिला ऊना में पटियाला बैंक की चैस्ट में 170 करोड़ रुपए 500 और 1000 रुपए के नोटों के रूप में जमा हो चुके हैं। 23 नवम्बर बुधवार तक पटियाला बैंक में 22 करोड़ रुपए जमा हुए थे। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में अब तक 25 करोड़ रुपए की राशि जमा हुई है। पंजाब नैशनल बैंक में यह राशि एकमात्र शाखा की ही 22 करोड़ रुपए से ऊपर पहुंच चुकी है। जिला का पूरा आंकड़ा अभी तक उपलब्ध नहीं हो पाया है।