Edited By Ekta, Updated: 28 May, 2019 02:59 PM
रेलवे की भूमि से अवैध निर्माण हटाए जाने के बाद बेघर हुए कुष्ठ रोगियों को डेढ़ साल बाद आशियाने मिल गए हैं। डेढ़ साल कुष्ठ रोगी गर्मी, सर्दी और बरसात के मौसम में खुले आसमान के नीचे समय गुजारने को विवश थे। बता दें कि करीब डेढ़ साल पहले हाईकोर्ट के आदेशों...
ऊना (अमित): रेलवे की भूमि से अवैध निर्माण हटाए जाने के बाद बेघर हुए कुष्ठ रोगियों को डेढ़ साल बाद आशियाने मिल गए हैं। डेढ़ साल कुष्ठ रोगी गर्मी, सर्दी और बरसात के मौसम में खुले आसमान के नीचे समय गुजारने को विवश थे। बता दें कि करीब डेढ़ साल पहले हाईकोर्ट के आदेशों के बाद रेलवे की भूमि में बनाए गए 7 अवैध निर्माणों को तोड़ा गया था, जिसमें 4 मंदिर, एक गौशाला, एक सरकारी स्कूल और एक कुष्ठ आश्रम शामिल थे।
अवैध कब्जे हटाए जाने के बाद सबसे ज्यादा नुक्सान कुष्ठ आश्रम का ही हुआ था क्योंकि इस आश्रम में 20 के करीब परिवार रह रहे थे, जिससे यह सभी परिवार सर्दी, गर्मी और बरसात के मौसम में भी खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए थे। न ही उन्हें बिजली की कोई व्यवस्था मिली और ना ही पानी। लेकिन IAS अधिकारी राकेश प्रजापति द्वारा ऊना में बतौर डीसी पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद ही कुष्ठ रोगियों को छत मुहैया करवाने की दिशा में विशेष कदम उठाने शुरू कर दिए थे। डीसी राकेश प्रजापति ने कोटला खुर्द के समीप कुष्ठ आश्रम के लिए भूमि आवंटित की और विभिन्न विभागों के सहयोग से करीब 45 लाख की लागत से कुष्ठ रोगियों के लिए प्री -फैबरिकेटिड ढ़ांचा तैयार करवाया। इस ढांचे में कुष्ठ रोगियों के रहने के लिए 20 कमरे बनाए गए हैं जबकि इसके साथ ही शौचालयों की भी व्यवस्था की गई है।
कोटला खुर्द में तैयार छिन्नमस्तिका कुष्ठ आश्रय स्थल का आज पंचायतीराज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने उद्घाटन किया। वीरेंद्र कंवर ने कुष्ठ रोगियों को पेश आने वाली अन्य समस्यायों को भी शीघ्र दूर करने का आश्वासन दिया। डीसी ऊना राकेश प्रजापति ने बताया कि जिला में सरकारी स्तर पर पहली बार प्री-फैबरिकेटिड ढांचा बनाया गया है। डीसी ऊना ने बताया कि कुष्ठ आश्रय स्थल के निर्माण के लिए चिंतपूर्णी मंदिर ट्रस्ट के अलावा कई विभागों ने सहयोग किया है। आज आशियाने मिलने के बाद कुष्ठ रोगियों के चेहरे खिल उठे है। कुष्ठ रोगियों ने कहा कि घर टूटने के बाद से वो खुले आसमान के नीचे ही समय बिताने को मजबूर थे लेकिन अब सरकार और प्रशासन ने उनके लिए आशियाने बनाकर तैयार कर दिए हैं।