ठेकेदारों के लिए परेशानी का सबब बना GST, यूनियन ने जे.पी. नड्डा को सौंपा ज्ञापन

Edited By kirti, Updated: 20 Oct, 2018 09:42 AM

gst to make trouble for contractors

जी.एस.टी. लागू होने के बाद निर्माण कार्य में पेश आ रही समस्याएं ठेकेदारों के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं। ठेकेदारों का कहना है कि जी.एस.टी. के बाद ठेकेदारों को सरकारी सीमैंट मिलना मुश्किल हो गया है।

बिलासपुर : जी.एस.टी. लागू होने के बाद निर्माण कार्य में पेश आ रही समस्याएं ठेकेदारों के लिए परेशानी का सबब बन गई हैं। ठेकेदारों का कहना है कि जी.एस.टी. के बाद ठेकेदारों को सरकारी सीमैंट मिलना मुश्किल हो गया है। इससे विकास कार्य बंद हो गए हैं। ठेकेदारों ने जी.एस.टी. के माध्यम से की जा रही वसूली बंद करने तथा डी व सी कैटेगरी के ठेकेदारों को ई.पी.एफ . के दायरे से बाहर करने की भी मांग की है। इन मांगों को लेकर ठेकेदार यूनियन बिलासपुर ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा।

ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष आशीष ढिल्लों व महासचिव हंसराज शर्मा ने कहा कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद पी.डब्ल्यू.डी. की बजाय खाद्य आपूर्ति विभाग के माध्यम से सीमैंट देने का निर्णय लिया गया है लेकिन इससे ठेकेदारों के सामने गंभीर संकट पैदा हो गया है। न तो उन्हें पी.डब्ल्यू.डी. से सीमैंट मिल रहा है और न ही खाद्य आपूॢत विभाग इसकी अर्पित कर रहा है। इसका असर विकास कार्यों पर पडऩा स्वाभाविक है। लिहाजा यह समस्या जल्द सुलझाई जाए।

यूनियन के नुमाइंदों ने कहा कि जी.एस.टी. के माध्यम से ठेकेदारों से की जा रही वसूली सरासर गलत है। लिहाजा इसे बंद करके पूर्व में जो व्यवस्था वैट में थी, उसे लागू किया जाए। ठेकेदारों की राशि से एक फीसदी लेबर सैस काटा जाता है। इसका कुछ हिस्सा इंश्योरैंस अथवा ठेकेदारों के कल्याण को लेकर अन्य कार्यों पर भी खर्च किया जाना चाहिए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया कि इन मांगों पर गंभीरता से विचार करके उचित कदम उठाए जाएं ताकि ठेकेदारों की समस्या दूर होने के साथ ही विकास कार्यों में भी कोई अड़चन न आए।
 

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