Edited By Simpy Khanna, Updated: 27 Aug, 2019 11:56 AM
इंदौरा ब्लाक में सूखे हैंडपंपों के जरिए भी ग्राऊंड वाटर लेवल बढ़ाया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने केंद्रीय जल शक्ति अभियान में एक कार्य योजना तैयार की है। योजना पर बाकायदा काम शुरू कर दिया गया है
धर्मशाला(सौरभ): इंदौरा ब्लाक में सूखे हैंडपंपों के जरिए भी ग्राऊंड वाटर लेवल बढ़ाया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने केंद्रीय जल शक्ति अभियान में एक कार्य योजना तैयार की है। योजना पर बाकायदा काम शुरू कर दिया गया है। प्रशासन ने इंदौरा ब्लाक में पहले चरण में 12 ऐसे सूख चुके हैंडपंप चिन्हित किए हैं जिनके आसपास वाटर रीचार्ज स्ट्रक्चर तैयार किया गया है। इनके जरिए हैंडपंप के बोर से भूमिगत जल की कमी दूर करने का प्रयास होगा।
कार्ययोजना की अहम कड़ी में इंदौरा ब्लाक के सभी पंचायत भवनों और स्कूलों में रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेसटिंग सिस्टम विकसित किए जा रहे हैं। पहले चरण में 34 पंचायत भवनों, 10 प्राथमिक स्कूलों और 4 सी.सै. स्कूलों में काम चल रहा है। प्रशासन ने इंदौरा में मनरेगा के तहत भी जल संरक्षण के 74 नए काम आरंभ करवाए हैं, जिनमें से 14 पर काम पूरा भी हो चुका है।
ब्लाक की 49 में से 46 पंचायतों में इस माह हुई ग्राम सभाओं में जल संरक्षण कार्यों के 46 नए शैल्फ भी मंजूर किए गए हैं। इंदौरा में वाटर लेवल बढ़ाने के लिए वन विभाग, स्वयंसेवी संस्थाओं, पूर्व सैनिकों और स्कूलों की सहायता से अब तक 61 हैक्टेयर क्षेत्र में पौधारोपण किया गया है। इसके अलावा पहले चरण में कांगड़ा नगर परिषद क्षेत्र में भी 9 सरकारी भवनों में रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेसिं्टग का काम चल रहा है जबकि 3 बावडिय़ों का पुनॢनर्माण किया जाएगा। प्रशासन चरणबद्ध तरीके से पूरे जिले में इस कार्ययोजना को लागू करने जा रहा है।
आधा रह गया ग्राऊंड वाटर लेवल
सैंट्रल ग्राऊंड वाटर बोर्ड की 2018-19 की रिपोर्ट के अनुसार इंदौरा क्षेत्र में भूमिगत जल के लगातार अत्यधिक दोहन से बीते 2 वर्षों में इसका स्तर कम होकर आधा रह गया है। सूत्रों के अनुसार पूरे ब्लाक में 4 हजार से अधिक बोर करके भूमिगत जल का अंधाधुंध प्रयोग किया जा रहा है। इस कारण भूमिगत जल की मात्रा लगातार कम हो रही है। इसके चलते प्रशासन ने पहले चरण में इंदौरा में भू-जल स्तर बढ़ाने की कार्ययोजना पर काम शुरू किया गया है।
इन 4 ब्लाकों में स्थिति खराब
जल शक्ति अभियान में जिला प्रशासन इंदौरा के अलावा 3 अन्य ब्लाकों नूरपुर, देहरा और नगरोटा सूरियां में भी भूमिगत जल स्तर बढ़ाने के लिए जल्द काम आरंभ करेगा। एक रिपोर्ट के अनुसार इन चारों ब्लाक में भूमिगत जल का प्रयोग इन्हें रिचार्ज करने के बजाय लगातार बढ़ता जा रहा है। यही स्थिति रही तो वर्ष 2020 तक इन ब्लाकों में पानी की मांग उपलब्धता से अधिक हो जाएगी। इसे लेकर प्रशासन इन ब्लाकों में कृषि विभाग, आई.पी.एच. और रूरल डिवैल्पमैंट विभाग के साथ मिलकर भू-जल स्तर बढ़ाने के लिए अभियान छेड़ेगा।