Edited By Vijay, Updated: 01 Nov, 2018 11:15 PM
पर्यटन निगम की घाटे में चल रही इकाइयों को सरकार लीज पर देने की तैयारी कर रही है ताकि इससे अधिक मुनाफा कमाया जा सके। सूत्रों के अनुसार इसके तहत परवाणु के शिवालिक, कुल्लू के सरवरी और रिवालसर होटल के नामों पर विचार किया जा रहा है, ऐसे में यदि इन होटलों...
शिमला: पर्यटन निगम की घाटे में चल रही इकाइयों को सरकार लीज पर देने की तैयारी कर रही है ताकि इससे अधिक मुनाफा कमाया जा सके। सूत्रों के अनुसार इसके तहत परवाणु के शिवालिक, कुल्लू के सरवरी और रिवालसर होटल के नामों पर विचार किया जा रहा है, ऐसे में यदि इन होटलों से 100 करोड़ रुपए या इससे अधिक की राशि मिलती है तो इनको लीज पर या बेचने जैसे विकल्प पर विचार किया जा सकता है। इस राशि को पर्यटन निगम नई प्रॉपर्टी बनाने पर खर्च करने का विचार कर रहा है, जहां से मुनाफा कमाया जा सके। वैसे भी सरकार ने पर्यटन के क्षेत्र में इन्वैस्टर मीट के माध्यम से करीब 10,000 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा है। इसको लेकर मंत्रिमंडल की 5 नवम्बर को होने वाली बैठक में बाकायदा प्रस्तुति भी दी जाएगी। पर्यटन के क्षेत्र में मौजूदा समय 25 करोड़ रुपए एच.पी.टी.डी. की संपत्तियों की मुरम्मत करने सहित अन्य कार्यों पर खर्च किए जा रहे हैं।
केंद्र से 1,892 करोड़ रुपए का नया प्रोजैक्ट स्वीकृत
इसके अलावा पर्यटन के लिए केंद्र से 1,892 करोड़ रुपए का नया प्रोजैक्ट भी स्वीकृत हुआ है। उत्तराखंड की देखा-देखी में हिमाचल प्रदेश में की जा रही इन्वैस्टर मीट में निवेश के लिए विभागों को दिए गए टारगेट से उनके हाथ-पांव फूलने लगे हैं। इसके चलते कुछ विभागों की तरफ से गलत तस्वीर प्रस्तुत करने की संभावना पैदा हो गई है। पर्यटन के क्षेत्र में जहां 10 हजार करोड़ रुपए का टारगेट दिया गया है, वहीं खाद्य प्रसंस्करण में 15 हजार करोड़ रुपए, विद्युत में 20 हजार करोड़ रुपए तथा कृषि, स्वास्थ्य और आई.टी. जैसे क्षेत्रों में क्रमश: 5-5 हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।