Edited By Vijay, Updated: 22 Jul, 2018 11:00 PM
अखिल भारतीय ज्योतिष द्वारा शिमला में आयोजित 61वें राष्ट्रीय सरस्वती सम्मेलन का रविवार को समापन हुआ। इस अवसर पर बतौर मुख्यातिथि पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए ज्योतिषों को संबोधित करते हुए कहा कि.....
शिमला: अखिल भारतीय ज्योतिष द्वारा शिमला में आयोजित 61वें राष्ट्रीय सरस्वती सम्मेलन का रविवार को समापन हुआ। इस अवसर पर बतौर मुख्यातिथि पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए ज्योतिषों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्योतिष एक पुरातन भारतीय विद्या है परंतु आधुनिक युग में यह एक शोध का विषय भी है, जिसके माध्यम से जहां इसके शोधकत्र्ता जन मानस की समस्याओं को सुलझाने के लिए उपाय बताते हैं, वहीं वर्तमान में यह एक विज्ञान के रूप में विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्योतिष विज्ञान से भारतीय संस्कृति को बढ़ावा मिलता है, वहीं युवा वर्ग के लिए ज्योतिष विज्ञान रोजगार का अच्छा साधन भी है। उन्होंने कहा कि इसको सिखाने वाले समाज में समरसता की भावना जागृत कर समाज के उत्थान में सहयोग देते हैं।
हमारी संस्कृति में जन्म से आरंभ होता है ज्योतिष
उन्होंने कहा कि ज्योतिष एक ऐसा ज्ञान है, जो हमारी संस्कृति में जन्म से आरंभ होता है और जीवन के अंत तक साथ रहता है। उन्होंने कहा कि इस विद्या के विकास व प्रसार के लिए अधिकाधिक शोध किए जाएं ताकि इसके माध्यम से भारत सांस्कृतिक विश्व गुरु बनने के मार्ग पर अग्रसर हो। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विश्वविद्यालय में ज्योतिष पाठ्यक्रम आरंभ करने पर विचार करेगी। इस दौरान अखिल भारतीय ज्योतिष मंच के अध्यक्ष व संचालक पंडित राजीव शर्मा ने भी अपने विचार रखे और कहा कि इस सम्मेलन में देशभर से 200 विद्वानों ने भाग लिया और अपने-अपने विधियों के शोध व ज्ञान पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि लोगों को ज्योतिष के बारे में सही जानकारी नहीं होती इस सम्मेलन का मकसद लोगों को ज्योतिष के बारे में जागरूक करना भी सम्मेलन का मकसद है।
साधन संपन्नता के लिए ज्ञान का दुरुपयोग न करें ज्योतिषाचार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्योतिष की शरण में वहीं व्यक्ति जाता है जो समस्याओं से ग्रस्त हो अथवा भयक्रांत हो। ज्योतिष में कई समस्याओं व बीमारियों का भी निदान है। यदि व्यक्ति को सही ज्योतिषी व पंडित का सही मार्ग दर्शन मिले तो किसी भी समस्या का उपचार संभव है। हमारा भारतीय ज्योतिष बहुत पुरातन है। जब विज्ञान भी नहीं था तब भी हमारे ज्योतिष विद्या द्वारा उस समय भी गृहों की सही गणना से चांद ग्रहण, सूर्य ग्रहण की सही स्टीक समय पर लगने का बता देते थे और वहीं आज विज्ञान के माध्यम से पता लगा है। यदि सही मंत्रों का उच्चारण किया जाए तो मानव जीवन में उसका प्रभाव भी दिखाई देता है। उन्होंने ज्योतिष आचार्यों से आह्वान किया कि वे अपने ज्ञान से उनकी समस्याओं का समाधान करें और अपनी साधन संपन्नता के लिए ज्ञान का दुरुपयोग न करें।
ज्योतिष आचार्यों को किया सम्मानित
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विभिन्न ज्योतिष आचार्यों को सम्मानित भी किया तथा उद्दयीमान ज्योतिषों को पुरस्कार भी वितरित किए। इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष राजीव शर्मा ने मुख्यमंत्री तथा अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। इस अवसर पर मंच के संस्थापक, अध्यक्ष व संचालक राजीव शर्मा, संरक्षक विक्रांत शर्मा, ओम दत्त शर्मा शाहकोट, प्रीतम लाल भारद्वाज धर्मकोट, विपिन शर्मा ज्वाली, अक्षय शर्मा मोघा, डा. कुमार गणेश अंक विशेषज्ञ, ऋषि वांसल दिल्ली, मुकेश सेकड़ी, ब्रिच कपूर व भरत भूषण भारद्वाज के अलावा अन्य ज्योतिषों ने विभिन्न विषय पर जानकारी दी।