कुशासन व कुप्रबंधन के दम पर होगा सरकार का जश्न : राणा

Edited By prashant sharma, Updated: 26 Dec, 2020 03:57 PM

government will celebrate on the basis of misrule and mismanagement rana

हिमाचल के लोकतांत्रिक इतिहास में बीजेपी सरकार ऐसी सरकार बनने जा रही है, जो अपनी नाकामियों व कुप्रबंधन का जश्न मनाएगी। नाकामियों व कुप्रबंधन के लिए विख्यात हुई बीजेपी सरकार हिमाचल के लोकतंत्र के इतिहास में पहली ऐसी सरकार बनी है

हमीरपुर : हिमाचल के लोकतांत्रिक इतिहास में बीजेपी सरकार ऐसी सरकार बनने जा रही है, जो अपनी नाकामियों व कुप्रबंधन का जश्न मनाएगी। नाकामियों व कुप्रबंधन के लिए विख्यात हुई बीजेपी सरकार हिमाचल के लोकतंत्र के इतिहास में पहली ऐसी सरकार बनी है जो कि तीन वर्ष की नाकामियों का जश्न मनाएगी। मीडिया से मुखातिब होते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि कोविड-19 कुप्रबंधन के साथ लगातार चले भ्रष्टाचार के बीच विधायक नीधि रोकना, कर्मचारियों का महंगाई भत्ता रोकना, विकास पर रोक लगाना इस सरकार की उपलब्धियों में शुमार रहा है। जब भी प्रदेश की राजनीति का इतिहास लिखा जाएगा तो यह जरूर लिखा जाएगा कि बीजेपी की एक सरकार ऐसी भी हुई है जिसे सरकार न चलाकर अफसरशाही चलाती रही है।

बीते तीन सालों में जमीनी स्तर पर सरकार कहीं भी सरकार की तरह नहीं दिखी है। अफसरशाही द्वारा पंगु हुई सरकार किस बात का जश्न मना रही है, प्रदेश की जनता जानना चाहती है? उन्होंने कहा कि ऐसे में जब बीजेपी का तीन साल का कार्यकाल अंर्तविरोधों में बीता है। सरकार के लोग खुद को संगठन से ऊपर मानते हैं और संगठन के लोग सरकार को ठेंगे पर रख रहे हैं। कांगड़ा से लेकर हमीरपुर होते हुए शिमला तक संगठन और सरकार एक-दूसरे के रडार पर हैं। जबकि बीजेपी के भीतर सक्रिय सुपर बीजेपी सरकार को सरेआम दोषी करार देते हुए सेंट्रल युनिवर्सिटी व अन्य मामलों में निशाने पर रख रही है। ऐसे में सुबह का फैसला सरकार शाम को बदल रही है और ऊपर से सरकार को सरकार न चलाकर अफसरशाही चला रही है तो जश्न किस बात का?

उन्होंने कहा कि अस्पतालों में भ्रष्टाचार के आलम का यह है कि अब छोटी-मोटी दवाईयों व छोटे-मोटे टेस्टों को भी जनता महंगे दामों पर करवाने को लाचार है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधा की जनता का दरकरार है। ऐसे में सरकार ने 17 पीएचसी बंद कर दिए हैं। विधानसभा का शीतकालीन सत्र करवाने की हिम्मत हुकूमत कर नहीं पाई है। अपने ही घोषणा पत्र को सरकार तीन सालों में भूल बैठी है। बेरोजगारों की फौज हताश व निराश होकर सरकार को हर चौक-चौराहे पर कोस रही है। ऐसे में केंद्र से मुख्यमंत्री की कलगी लगवाए जयराम ठाकुर निजी रूप से तो सफल माने जा सकते हैं लेकिन सरकार हर मोर्चे पर फेल और फ्लॉप रही है। जनता यह भी जानना चाहती है कि डबल इंजन की जयराम सरकार को केंद्र से अब तक क्या मिला है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन वर्षों में तीन बार हिमाचल आए हैं लेकिन हिमाचल की आर्थिकी हाल-बेहाल है। सरकार कर्जे के दम पर सांसें गिन रही है। किश्न कपूर, विपिन परमार व बतौर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल अपनी ही सरकार में किन कारणों से गुम हुए हैं? यह जवाब भी सरकार को देना पड़ेगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा का ड्रीम प्रोजेक्ट शिमला-धर्मशाला फोरलेन परियोजना की फाइल कहां और क्यों गुम हैं? इसका जवाब भी सरकार को देना होगा। क्या इन नाकामियों और कुप्रबंधन का जश्न सरकार मना रही है? अगर जनता के पैसे पर नाकामियों का जश्न मनाना ही सरकार की खासियत है तो जनता अपनी नजर में बेशक सरकार अपनी पीठ ठोक ले लेकिन प्रदेश की जनता की निगाह में यह सरकार हमेशा कुप्रबंधन की गुनहगार रहेगी।
 

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