हिमाचल में आपदा के समय इजराईल के इस सिस्टम को अपनाएगी सरकार, पढ़ें खबर

Edited By Vijay, Updated: 27 Sep, 2018 10:05 PM

government will adopt this of israel during the calamity in himachal

हिमाचल प्रदेश सरकार मानसून के दौरान जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के साथ कुल्लू में बड़ी संख्या में सैलानियों सहित स्थानीय लोगों के फंसने के बाद इजराईली ट्रैकिंग सिस्टम को अपनाने पर विचार कर रही है।

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार मानसून के दौरान जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के साथ कुल्लू में बड़ी संख्या में सैलानियों सहित स्थानीय लोगों के फंसने के बाद इजराईली ट्रैकिंग सिस्टम को अपनाने पर विचार कर रही है। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो सुरक्षा के साथ-साथ प्रतिकूल हालात में लोगों के फंसने पर उन्हें आसानी से तलाशा जा सकेगा। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बताया कि इजराईल की इस तकनीक को अपनाए जाने संबंधी मामले को सरकार के ध्यान में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश में ऐसा संभव हुआ तो जल्द इस तकनीक को अपनाने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इजराईल ने इस तकनीक का सफलतापूर्वक प्रयोग किया है। इसमें वह अपने देश में रहने वाले और बाहर से आने वाले व्यक्ति को आसानी से तलाश सकते हैं। इतना ही नहीं, यदि इजराईल का कोई व्यक्ति दूसरे देश में भी घूम रहा है तो उसकी भी जानकारी उनके पास होती है।

हिमाचल में उपलब्ध हुई तकनीक तो आसानी से मिलेगी जानकारी
 उन्होंने कहा कि यह तकनीक यदि हिमाचल प्रदेश में उपलब्ध होती है तो लाहौल-स्पीति और कुल्लू में फंसे सैलानियों के साथ ही आम आदमी की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सकती है। इसके बावजूद प्रदेश में पहली बार आपदा के समय में इतनी तत्परता से काम संभव हो पाया है। उन्होंने कुल्लू जिला का मोर्चा संभाला जबकि कृषि मंत्री डा. रामलाल मारकंडा लाहौल-स्पीति का दायित्व संभाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के प्रयासों से इस दिशा में समय पर काम संभव हो सका है।

लाहौल-स्पीति में फंसे हो सकते हैं 2,500 लोग
मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पहले यह मानकर चल रही थी कि लाहौल-स्पीति में 500 से 600 लोग फंसे हैं लेकिन यह संख्या 2,000 से 2,500 तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का प्रयास कर रही है और कृषि मंत्री डा. रामलाल मारकंडा खुद लाहौल-स्पीति में डटे हैं। इसके अलावा चम्बा में खेल प्रतियोगिता में भाग लेने आए बच्चों को भी सुरक्षित निकाला गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि खेल प्रतियोगिताओं को मानसून की अवधि और परीक्षाओं के दौरान आयोजित न किया जाए।

लोगों को सुरक्षित निकालने के बाद सड़कें खोलना प्राथमिकता
उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित निकालने के बाद सड़कों को खोलना प्राथमिकता है। कुल्लू में इस दिशा में काम शुरू हो चुका है और पहले मुख्य सड़कों को खोला जाएगा, उसके बाद संपर्क सड़कों को खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्षा और बर्फबारी के कारण कृषि और बागवानी के साथ लोगों के घरों को भी नुक्सान पहुंचा है। वर्ष,1995 के बाद ब्यास नदी इतने अधिक उफान पर आई है।

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