HC ने दिए आदेश, जुवेनाइल व अनाथ आश्रमों के बच्चों के पुनर्वास को पॉलिसी बनाए सरकार

Edited By Vijay, Updated: 06 Sep, 2018 11:39 PM

government wil make policy to rehabilitation of children of juvenile and orphan

प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश जारी किए हैं कि जो जुवेनाइल व अनाथ आश्रमों में रहने वाले बच्चे 18 साल की आयु पूरी कर चुके हैं, उनके पुनर्वास के लिए पॉलिसी बनाई जाए।

शिमला: प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश जारी किए हैं कि जो जुवेनाइल व अनाथ आश्रमों में रहने वाले बच्चे 18 साल की आयु पूरी कर चुके हैं, उनके पुनर्वास के लिए पॉलिसी बनाई जाए। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने सचिव सामाजिक न्याय को आदेश जारी किए हैं कि वह अनाथ बच्चों व जुवेनाइल के लिए स्थापित किए गए संस्थानों का निरीक्षण करें और उनको संरक्षण देने बाबत प्रबंध करें। इसके अलावा चम्बा में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की सिटिंग के लिए सदस्यों की संख्या में बढ़ौतरी करने के आदेश जारी किए गए हंै। साथ ही इन संस्थानों का सोशल ऑडिट करने के आदेश जारी किए गए हैं। उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण देने बाबत 6 प्रशिक्षण संस्थानों में शिक्षक तैनात करने के आदेश जारी किए गए हैं। इन संस्थानों में रिक्त पड़े अधीक्षकों व वार्डन के पदों को भरने के आदेश भी जारी किए गए हैं।

मामले पर 20 सितम्बर को होगी सुनवाई
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा बच्चों के संरक्षण व उन्हें सक्षम बनाने के लिए प्रशिक्षण देने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। राज्य सरकार की ओर से न्यायालय को बताया गया कि जो बच्चे 18 साल से अधिक की आयु पूरी कर चुके हैं, उनको वोकेशनल ट्रेनिंग, बी.टैक. और दूसरी शैक्षणिक डिग्री कोर्सिस करवाए जा रहे हैं। 848 बच्चों को उनके पुनर्वास के लिए तैयार कर लिया गया है, जिसमें 115 बच्चों ने सरकारी नौकरी प्राप्त कर ली है, वहीं 713 बच्चों ने निजी क्षेत्र में नौकरी सुरक्षित कर ली है जबकि 20 बच्चे खुद का व्यवसाय करने में सक्षम हो गए हैं। मामले पर सुनवाई 20 सितम्बर को निर्धारित की गई है।

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!