ग्लोबल इन्वैस्टर मीट से पहले सरकार ने छोटे उद्योगों के हित में लिया बड़ा फैसला, पढ़ें खबर

Edited By Vijay, Updated: 05 Nov, 2019 10:34 PM

government took big decision in the interest of small industries

राज्य में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को रियायत देने के लिए प्रदेश सरकार अध्यादेश लाई है। ग्लोबल इन्वैस्टर मीट के आयोजन से ठीक पहले लिए गए इस निर्णय से छोटे उद्योगों को रियायतें मिलेंगी। इस अध्यादेश के अनुसार अब इस श्रेणी में आने वाले उद्योगों को...

शिमला (ब्यूरो): राज्य में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को रियायत देने के लिए प्रदेश सरकार अध्यादेश लाई है। ग्लोबल इन्वैस्टर मीट के आयोजन से ठीक पहले लिए गए इस निर्णय से छोटे उद्योगों को रियायतें मिलेंगी। इस अध्यादेश के अनुसार अब इस श्रेणी में आने वाले उद्योगों को पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय शहरी निकायों से एनओसी नहीं लेना होगा। उद्योगों को सिंगल विंडो से क्लीयरैंस मिलेगी। उद्योग लगाने के लिए निश्चित समय अवधि में स्वीकृतियां प्रदान करनी होंगी। यदि ऐसी स्वीकृतियां निश्चित समय अवधि में नहीं दी जाती हैं तो नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

उद्यमियों को 3 साल तक मिलेंगी कई तरह की रियायतें

उद्यमियों को 3 साल तक कई तरह की रियायतें मिलेंगी, जिसमें निरीक्षण न करना और प्रमाण पत्र की स्वीकृति के लिए समय दिया जाएगा। इस अध्यादेश को विधानसभा के आगामी सत्र में रखा जाएगा। इस तरह हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम, 1994, हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम, 1994, हिमाचल प्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1994, हिमाचल प्रदेश अग्निशमन सेवा अधिनियम, 1984, हिमाचल प्रदेश सड़क पाश्र्व भूमि नियंत्रण अधिनियम, 1968, हिमाचल प्रदेश दुकान और वाणिज्यिक स्थापन अधिनियम, 1969, हिमाचल प्रदेश सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 2006 और हिमाचल प्रदेश नगर और ग्राम योजना अधिनियम, 1997 में रियायत मिल पाएगी। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद इस आध्यादेश को अधिसूचना जारी कर दी गई है।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की थी घोषणा

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बीते दिनों सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को रियायत देने की घोषणा की थी। उनका कहना था कि राज्य सरकार प्रदेश में छोटे उद्योगों को रियायत देना चाहती है ताकि इस क्षेत्र में अधिक निवेश आए। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान छोटे उद्यमियों की तरफ से इस तरह की रियायत की मांग की थी, जिसके बाद प्रदेश सरकार तुरंत इसको लेकर अध्यादेश लाई है।

रोप-वे निर्माण में भी मिलेगी रियायतें

ग्लोबल इन्वैस्टर मीट से पहले राज्य सरकार ने निवेशकों को रोप-वे निर्माण में रियायतें देने का निर्णय लिया है। इसके लिए विधानसभा से पारित हिमाचल प्रदेश आकाशी रज्जूमार्ग (संशोधन) विधेयक, 2019 को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस विधेयक को पारित करने से पहले विपक्ष ने भी आपत्ति जताई थी। विपक्ष का कहना था कि विधेयक के माध्यम से छत्त से रोप-वे कैबिन की दूरी से 10 मीटर की शर्त को हटाना तर्कसंगत नहीं है। इसके अलावा रोप-वे बनाने वालों को किराया तय करने के लिए अधिक अधिकार मिलने पर भी विपक्ष ने आपत्ति जताई थी। विपक्ष का आरोप था कि इससे रोप-वे लगाने वाली कंपनियां या पार्टी मनमाना किराया वसूलेगी। संशोधन विधेयक में पशुओं के अलावा अन्य सामान ले जाने की अनुमति देने की भी बात कही गई है। सरकार का यह भी तर्क है कि शिमला और मनाली जैसे पर्यटन स्थलों में पर्यटक और आम आदमी जाम से परेशान है। ऐसे में कोई परिवहन का कोई दूसरा विकल्प तलाशना होगा।

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