Edited By prashant sharma, Updated: 10 Apr, 2020 05:21 PM
राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से सरकार ने रजिस्टर्ड व अनरजिस्टर्ड मजदूरों को करीब 45 करोड़ रुपए की मदद दी है।
हमीरपुर : राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से सरकार ने रजिस्टर्ड व अनरजिस्टर्ड मजदूरों को करीब 45 करोड़ रुपए की मदद दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया है कि इस कल्याण बोर्ड के पास करीब 550 करोड़ रुपए का फंड अभी भी अनस्पेंट पड़ा है। कोविड-19 के संकट से जूझ रही सरकार को अगर संकट के दौर में जरुरत है तो इस फंड को कामगार मजदूरों की मदद के लिए खर्च कर सकती है। क्योंकि कोरोना के इस दौर में सबसे ज्यादा मुश्किल हालात में यही वर्ग है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार केन्द्र से आई चिट्ठियों पर ही फैसले न लें। वह अपने विवेक से भी काम लें। इस मुश्किल दौर में सरकार अगर लैटर बॉक्स की ही भूमिका में रहेगी तो प्रदेश की जनता द्वारा दिए गए जनादेश के प्रति न्याय नहीं हो पाएगा। उन्होंने दोहराया कि विधायक निधि को 2 साल के लिए फ्रीज करना आम आदमी का विकास रोकना होगा। बेहतर होगा कि सरकार अनस्पेंट पड़े करोड़ों रुपए के बजट को कामगार मजदूर वर्ग की मदद के लिए संकट के दौर में खर्च करे। उन्होंने कहा कि क्या मुख्यमंत्री बताएंगे कि अभी कौन सा ऐसा संकट खड़ा हो गया है कि मुख्यमंत्री को विधायकों की निधि ही फ्रीज करनी पड़ी है।
सरकार के दो अहम विभाग स्वास्थ्य मंत्रालय व खाद्य आपूर्ति मंत्रालय बिना मंत्रियों के चल रहे हैं। वर्तमान में इन मंत्रालयों का प्रभार भी मुख्यमंत्री के पास है। ऐसे में पहले से ही अस्त-व्यस्त चल रही सरकार में इन विभागों की मॉनिटरिंग सही मायनों में नहीं हो पा रही है। आलम यह है कि मई 2018 को मुख्यमंत्री टांडा मेडिकल कॉलेज के वार्षिक समारोह में 10 वेंटीलेटर मेडिकल कॉलेज में देने की घोषणा कर आए थे यह घोषणा 2 वर्ष बाद भी अमलीजामा पहनाने का इंतजार कर रही है। उन्होंने निवेदन किया है कि केन्द्र सरकार के हर फरमान को प्रदेश की जनता पर न थोपा जाए। क्योंकि प्रदेश की कई जरुरतें और मांगें केन्द्र व अन्य राज्यों से भिन्न हैं।