Edited By Ekta, Updated: 28 May, 2018 08:47 AM
लाहौल-स्पीति के पर्यटन स्थल सरचू के सीमा विवाद को प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है। लाहौल-स्पीति के विधायक एवं कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने लाहौल-स्पीति प्रशासन से इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उल्लेखनीय है कि बी.आर.ओ. द्वारा सरचू स्थल को...
मनाली (सोनू): लाहौल-स्पीति के पर्यटन स्थल सरचू के सीमा विवाद को प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है। लाहौल-स्पीति के विधायक एवं कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने लाहौल-स्पीति प्रशासन से इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। उल्लेखनीय है कि बी.आर.ओ. द्वारा सरचू स्थल को बहाल करते ही जम्मू-कश्मीर के लोगों ने सरचू में हरकत करना शुरू कर दिया है। दारचा पंचायत की प्रधान सोनम आंगमों का कहना है कि लेह की ओर से आए 60 से अधिक लोगों ने सरचू में प्रदेश की सीमा के अंदर आकर अपना हक जमाया है, साथ ही लाहौल के युवाओं को हिमाचल की ही भूमि पर पर्यटन गतिविधियां न करने को चेताया।
प्रधान का कहना है कि सरकार इस मामले को शीघ्र नहीं सुलझाती है तो विवाद बढ़ सकता है। कृषि मंत्री ने कहा कि सरचू में चल रहे सीमा विवाद को लेकर हिमाचल सरकार गंभीर है। हिमाचल सरकार ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि यह सीमा विवाद कई सालों से चल रहा है लेकिन तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने विवाद को सुलझाने में रुचि नहीं दिखाई।
उन्होंने कहा कि सर्वे ऑफ इंडिया ने जो निशानदेही की है उसे दोनों राज्यों को मानना होगा। डा. ने कहा कि लाहौल के युवा नि:संकोच होकर सरचू में अपनी पर्यटन गतिविधियां चलाएं। उन्होंने लाहौल-स्पीति पुलिस से भी शीघ्र सरचू में चौकी स्थापित करने की बात कही है। डाक्टर ने कहा कि सरचू सहित जिला के सभी पर्यटन स्थलों को विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे। मनाली-लेह मार्ग पर स्थित पर्यटन स्थल सरचू के आधारभूत ढांचे को और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सीमा वाद-विवाद सुलझाने को लेकर आग्रह किया गया है।