4 साल से टी.जी.टी. नॉन मैडीकल का शिक्षक ही नहीं

Edited By kirti, Updated: 16 Jul, 2019 10:24 AM

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प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में स्टाफ की कमी पिछले कई सालों से चल रही है। प्रदेश के अधिकतर गांवों के स्कूलों में स्टाफ की सबसे ज्यादा कमी है जिसे पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की ओर से कोई उचित कदम नहीं उठाए जा रहे। ऐसा ही मामला ठियोग...

शिमला : प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में स्टाफ की कमी पिछले कई सालों से चल रही है। प्रदेश के अधिकतर गांवों के स्कूलों में स्टाफ की सबसे ज्यादा कमी है जिसे पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग की ओर से कोई उचित कदम नहीं उठाए जा रहे। ऐसा ही मामला ठियोग तहसील के देहा बलसन के साथ लगते राजकीय माध्यमिक स्कूल बागड़ी का है। बागड़ी स्कूल में पिछले चार सालों से टी.जी.टी. नॉन मैडीकल का शिक्षक ही नहीं है। स्कूल में शिक्षक के न होने से बच्चों को पढ़ाई करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

स्कूल में 18 नवम्बर, 2015 को टी.जी.टी. नॉन मैडीकल के शिक्षक का तबादला हो गया था। तब से लेकर आज तक कोई भी नॉन मैडिकल का शिक्षक स्कूल में नहीं आया। चार सालों से बच्चे स्वयं ही पढ़ाई करने को मजबूर हैं। स्कूल की एस.एम.सी. कमेटी की ओर से प्रदेश सरकार व शिक्षा विभाग को कई बार अवगत करवा दिया गया है लेकिन सरकार व विभाग की ओर से सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला है।

स्कूल में पर्याप्त स्टाफ न होने के चलते बच्चों ने दूसरे स्कूलों की ओर पलायन करना शुरू कर दिया है। प्रदेश सरकार एक ओर सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए के.जी, नर्सरी तथा अंग्रेजी विषय को पहली से शुरू कर रही है, लेकिन दूसरी ओर स्कूल में शिक्षक की कमी को पूरा नहीं किया जा रहा है। देहा बलसन के लोगों व एस.एम.सी. कमेटी ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि यदि समय पर स्कूल में शिक्षक नहीं भेजा तो आने वाले दिनों में सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा।

 

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