Edited By Ekta, Updated: 25 Jun, 2018 10:42 AM
सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में हर वर्ष भारी गिरावट आने से सरकारी स्कूलों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। अगर सरकार चाहे तो मात्र 15 दिनों में सरकारी स्कूलों के हालात सुधर जाएंगे। इसके लिए सरकार को बस एक आदेश जारी करने की जरूरत है। अगर...
मंडी (सकलानी): सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में हर वर्ष भारी गिरावट आने से सरकारी स्कूलों के अस्तित्व पर संकट मंडराने लगा है। अगर सरकार चाहे तो मात्र 15 दिनों में सरकारी स्कूलों के हालात सुधर जाएंगे। इसके लिए सरकार को बस एक आदेश जारी करने की जरूरत है। अगर मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों व सरकारी कर्मचारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे तो इसमें कोई संदेह नहीं कि 15 दिन के भीतर सरकारी स्कूलों के हालात न बदलें। जब मंत्री, विधायक व अधिकारियों सहित कर्मचारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे तो सरकारी स्कूलों का स्तर अपने आप ही ऊपर उठेगा।
आज मंत्री, विधायक, अधिकारी व सरकारी कर्मचारी अपने बच्चे को सरकारी स्कूलों की बजाय निजी स्कूलों में पढ़ा रहे हैं और सरकारी स्कूलों में सिर्फ आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बच्चे ही शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिसके चलते सरकारी स्कूल उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। मंत्री, विधायकों व अधिकारियों को तो छोड़ जो शिक्षक सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं उनके बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। सरकारी स्कूलों के हालात को सुधारने के लिए लोग सोशल मीडिया के माध्यम से मैसेज शेयर कर रहे हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह कर रहे हैं कि ऐसा आदेश जारी करें ताकि देश के मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों व सरकारी कर्मचारियों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ें। अगर जिनके बच्चे सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ते हैं तो उनकी इंक्रीमैंट रोकने सहित अन्य सुविधा मुहैया न करवाई जाए।