Edited By Jinesh Kumar, Updated: 11 Feb, 2021 06:44 PM
पहले जो व्यापारी कृत्रिम तौर पर अनाज की जमाखोरी करता था तो केंद्र व प्रदेश की सरकारें छापामारी करके उनके गौदामों को खंगालती थीं। यह बात एक पत्रकार सम्मेलन में पूर्व परिवहन एवं खाद्य मंत्री जी.एस. बाली ने कही। उन्होंने कहा कि नैशनल कमोडिटी एक्ट को...
कांगड़ा (कालड़ा): पहले जो व्यापारी कृत्रिम तौर पर अनाज की जमाखोरी करता था तो केंद्र व प्रदेश की सरकारें छापामारी करके उनके गौदामों को खंगालती थीं। यह बात एक पत्रकार सम्मेलन में पूर्व परिवहन एवं खाद्य मंत्री जी.एस. बाली ने कही। उन्होंने कहा कि नैशनल कमोडिटी एक्ट को खत्म करके सरकार ने अनाज की जमाखोरी करने वालों पर जो खौफ बना रहता था वह खत्म कर दिया है। बाली ने कहा कि नए कानून के तहत अब जमाखोरी करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, जिससे वह आम जनता मे अपनी मर्जी से लूट मचा सकते हैं और ऐसे व्यापारी बेलगाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी की जेब पर भार पड़ेगा। बाली ने कहा कि इस कानून के आने के बाद खाद्य आपूर्ति विभाग नाममात्र का रह जाएगा। उन्होंने कहा कि महंगाई पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। डीजल व पट्रौल के दाम रोज बड़ी तेजी से बढ़ रहे हैं और यह आंकड़ा कभी भी 100 को पार कर सकता है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी से पहले एक ईस्ट इंडिया कम्पनी को देश को बर्बाद कर रही थी अब अडानी, अम्बानी सहित कई कम्पनियां तैयार हो गई हैं। पूर्व मंत्री ने कहा कि पहले किसी भी मांग को लेकर सरकार के खिलाफ अंदोलन हुआ करते थे और सरकार उनसे बात करती थी। अब पिछले लंबे समय से किसान ठंड के मौसम में अपनी मांगों को लेकर अंदोलन कर रहे हैं पंरतु कोई देश का बड़ा नेता या प्रधानंमत्री उनसे बात नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब हम हीटर लगाकर आपने घरों में सो रहे थे तो यह किसान आपनी मांगों को लेकर ठंड मे सड़कों पर थे जिससे कई किसानों की मौत हो गई। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार चर्चा करके इस आंदोलन को समाप्त करवाए।