JCC की बैठक में सरकार का पे-कमीशन को लेकर बड़ा ऐलान, कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले

Edited By prashant sharma, Updated: 27 Nov, 2021 08:28 PM

government s big announcement regarding pay commission in jcc meeting

हिमाचल प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी, 2016 से नए वेतनमान की सिफारिशें लागू करने की घोषणा की है। इसके तहत कर्मचारियों को जनवरी, 2022 के वेतन से संशोधित वेतनमान का लाभ मिलेगा, जिसकी अदायगी फरवरी, 2022 में होगी। चुनावी वर्ष से ठीक पहले...

कर्मचारियों को 1 जनवरी, 2016 से मिलेगा लाभ, अनुबंध की अवधि 3 से घटाकर की 2 वर्ष
शिमला (कुलदीप):
हिमाचल प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी, 2016 से नए वेतनमान की सिफारिशें लागू करने की घोषणा की है। इसके तहत कर्मचारियों को जनवरी, 2022 के वेतन से संशोधित वेतनमान का लाभ मिलेगा, जिसकी अदायगी फरवरी, 2022 में होगी। चुनावी वर्ष से ठीक पहले राज्य सरकार ने करीब अढ़ाई लाख कर्मचारियों को यह सौगात दी है। इसी तरह अनुबंध कर्मचारियों के नियमितीकरण की अवधि 3 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष करने की घोषणा की गई है। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों, अंशकालीन कामगारों, जलरक्षकों और जलवाहकों के नियमितीकरण/दैनिक वेतनभोगी के रूप में रूपांतरण के लिए भी 1-1 वर्ष की अवधि को कम किया गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसकी घोषणा हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के साथ करीब 4 साल के अंतराल के बाद हुई संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक को संबोधित करते हुए की। उन्होंने कहा कि सभी पैंशनभोगियों और पारिवारिक पैंशनभोगियों को भी 1 जनवरी, 2016 से संशोधित पैंशन और अन्य पैंशन लाभ दिए जाएंगे। संशोधित वेतनमान और संशोधित पैंशन/पारिवारिक पैंशन पर महंगाई भत्ता और महंगाई राहत प्रदान की जाएगी। नए वेतनमान और संशोधित पैंशन से राज्य के कोष पर सालाना 6000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

एनपीएस कर्मचारियों को पैंशन निधि चुनने की स्वतंत्रता, मेडिकल के लिए 10 करोड़ जारी

जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के 5 मई, 2009 के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार 15 मई, 2003 से नई पैंशन प्रणाली (इनवैलिड पैंशन और फैमिली पैंशन) के कार्यान्वयन की भी घोषणा की। इससे राज्य के कोष पर करीब 250 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि एनपीएस कर्मचारियों को अब पैंशन निधि चुनने की स्वतंत्रता होगी, जिससे उनके निवेश पर बेहतर रिटर्न सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि अब तक इन कर्मचारियों को सरकार द्वारा चुनी गई पैंशन निधि में ही निवेश अनिवार्य था। उन्होंने कहा कि सभी एनपीएस कर्मचारियों को डीसीआरजी लाभ प्रदान किया जा रहा है और अब सरकार ने 15 मई, 2003 से 22 सितम्बर, 2017 तक इस लाभ से वंचित एनपीएस कर्मचारियों को ग्रैच्युटी प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा राज्य सरकार ने लंबित चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों (मेडिकल बिलों) के भुगतान के लिए 10 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि जारी करने की भी घोषणा की।

करुणामूलक आधार पर नियुक्ति संबंधी मामले पर मंत्रिमंडल में लेंगे निर्णय, जनजातीय भत्ता देने पर भी विचार

मंत्रिमंडल की आगामी बैठक में करुणामूलक आधार पर नियुक्ति संबंधी मामले पर निर्णय लिया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी मंत्रिमंडल बैठक में अपनी प्रस्तुति देगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जनजातीय क्षेत्रों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी एवं अनुबंध कर्मचारियों को जनजातीय भत्ता देने पर भी विचार किया जाएगा।

वित्तीय संकट गहराएगा, विकास कार्यों के लिए लेना होगा कर्ज

पंजाब की तर्ज पर प्रदेश में छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने के कारण प्रदेश में वित्तीय संकट और गहराएगा। पहले सरकार कुल बजट का 43 फीसदी कर्मचारियों और पैंशनभोगियों पर व्यय कर रही है, जोकि छठे वेतन आयोग के लागू होने के बाद 50 फीसदी तक बढ़ जाएगा। इससे पहले सरकार ने पिछले 4 वर्षों के दौरान कर्मचारियों और पैंशनभोगियों के डीए में 22 फीसदी की वृद्धि की है, जिससे 1,320 करोड़ रुपए का वित्तीय बोझ पड़ा है। इसके अतिरिक्त 12 फीसदी अंतरिम राहत की 2 किस्तें भी प्रदान की गईं, जिससे कर्मचारियों को लगभग 740 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है।

मुख्यमंत्री ने जीता कर्मचारियों का दिल : अश्विनी ठाकुर

हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्विनी ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से कर्मचारियों को लेकर की गई बड़ी घोषणाओं ने अढ़ाई लाख कर्मचारियों का दिल जीत लिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार कर्मचारियों की अन्य मांगों को भी चरणबद्ध तरीके से पूरा करेगी।

जेसीसी से छूटी मांगों पर बजट में होगा अमल : जयराम

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि जेसीसी से छूटी ऐसी मांगों पर बजट में अमल होगा, जिन पर अभी विस्तृत चर्चा होनी बाकी है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते सरकार की तरफ से जेसीसी बैठक करने में विलम्ब हुआ। ऐसे में सरकार की पहली प्राथमिकता लोगों का जीवन बचाने की थी।

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