Edited By Ekta, Updated: 20 Jun, 2018 10:08 AM
हिमाचल में अवैध खनन को रोकने के लिए सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत यदि कोई क्रशर मालिक डिफाल्टर घोषित किया जाता है तो भविष्य में उसके परिवार से लेकर सगे-संबंधियों तक किसी को भी क्रशर का लाइसैंस नहीं दिया जाएगा। सरकार अवैध खनन पर अंकुश लगाने...
शिमला (राक्टा): हिमाचल में अवैध खनन को रोकने के लिए सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। इसके तहत यदि कोई क्रशर मालिक डिफाल्टर घोषित किया जाता है तो भविष्य में उसके परिवार से लेकर सगे-संबंधियों तक किसी को भी क्रशर का लाइसैंस नहीं दिया जाएगा। सरकार अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए खनन नीति को सख्ती से लागू करेगी। इसके साथ ही सरकार रॉयल्टी पर कुंडली मार कर बैठे और जुर्माना न भरने वाले क्रशर मालिकों पर भी शिकंजा कसने की तैयारियां कर चुकी है।
इसके तहत विभागीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अवैध खनन का मामला प्रदेश में लगातार उठता रहा है। राज्य में चाहे जिस भी दल की सरकार रहीं हो, अवैध खनन करने वालों के हौसले बुलंद ही रहे हैं। ऐसे में सरकार अब कड़े कदम उठाकर अवैध खननकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारियां कर चुकी है। इसके तहत उन डिफाल्टरों की भी पहचान की जाएगी जो अपने रिश्तेदारों के नाम पर क्रशर चला रहे हैं। सूत्रों के अनुसार वर्तमान में 120 के करीब क्रशर मालिक डिफाल्टर घोषित किए गए हैं।
पत्नी, बेटा या फिर रिश्तेदार
उद्योग विभाग की जांच में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें क्रशर मालिक डिफाल्टर घोषित किए जाने के बाद अपने पत्नी या बेटे या फिर रिश्तेदार के नाम से क्रशर का लाइसैंस जारी करवा लेता है। ऐसा होने से डिफाल्टर होने के बाद भी संबंधित क्रशर मालिक का क्रशर चलता रहता है।
2 लाख के जुर्माने का प्रावधान
यदि अब कोई क्रशर मालिक अवैध खनन करते पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ संबंधित क्षेत्र के पुलिस स्टेशन में एफ.आई.आर. दर्ज करवाई जाएगी। अवैध खनन करते पकड़े जाने पर 2 लाख रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान है।