स्कूल-कॉलेज तो सरकार ने खोल दिए लेकिन छात्रों को आने-जाने का कोई इंतजाम नहीं : राणा

Edited By prashant sharma, Updated: 06 Feb, 2021 04:57 PM

government has opened schools but there is no arrangement for students to go

जन समस्याओं की हकीकत से कोसों दूर सरकार आए दिन हवाई फैसले ले रही है। जिसके कारण आम लोगों का जनजीवन लगातार मुश्किलों से घिरता जा रहा है। यह बात प्रदेश के जनता के मुद्दों को लेकर लगातार मुखर राजेंद्र राणा ने सरकार पर हमलावर होते हुए कही है।

हमीरपुर : जन समस्याओं की हकीकत से कोसों दूर सरकार आए दिन हवाई फैसले ले रही है। जिसके कारण आम लोगों का जनजीवन लगातार मुश्किलों से घिरता जा रहा है। यह बात प्रदेश के जनता के मुद्दों को लेकर लगातार मुखर राजेंद्र राणा ने सरकार पर हमलावर होते हुए कही है। उन्होंने कहा कि अब सरकार ने स्कूल-कॉलेज खोलने का हवाई फैसला लिया है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि अभी तक प्रदेश में करीब 17 फीसदी पब्लिक ट्रांसपोर्ट ही चल रही है। ऐसे में प्रदेश के अभिभावकों की समस्या अब यह है कि उनके बच्चे स्कूल कैसे पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम में करीब 3500 बसों के बेड़े में से मात्र 600 या 700 बसें ही चल रही हैं। यह बसें भी मुख्य-मुख्य कस्बों तक चल रही हैं जबकि दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का कोई इंतजाम नहीं है। ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजना काफी महंगा सौदा साबित हो रहा है। आखिर कितने दिन प्रदेश का आम आदमी बच्चों को स्कूल और कॉलेज टैक्सी से भेज सकता है। लेकिन लगता है कि सरकार अपने फैसले खुद न लेकर, सरकार के फैसलों को कोई और ले रहा है। 

उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेज खोलने से पहले सरकार को पब्लिक ट्रांसपोर्ट का माकूल प्रबंध करना जरूरी था जो कि सरकार ने नहीं किया और अब ऐसे में स्कूल खोलने का फैसला लेकर जनता के लिए एक और आफत खड़ी की है। उन्होंने कहा कि जानकारी यह है कि पथ परिवहन निगम के पास गाड़ियों के कलपुर्जे खरीदने का बजट तक नहीं है। अगर प्रदेश में पथ परिवहन की सभी गाड़ियों को चलाना हो तो उन गाड़ियों में तेल डालने तक का बजट तक नहीं है। ऐसे में जैसे-तैसे जुगाड़ करके पथ परिवहन निगम करीब 17 फीसदी बसों को ही चला पा रहा है। किराए से हो रही आमदनी सिर्फ और सिर्फ इन 17 फीसदी गाड़ियों में तेल डालने के लिए खप जा रही है। जबकि मरम्मत के अभाव में खट्टारा बसें रोज रूटों पर दौड़ती हुई लोगों के जीवन को जोखिम में डाल रही हैं। उधर दूसरी तरफ अभी तक पथ परिवहन के चालकों और परिचालकों को जनवरी महीने का वेतन तक नहीं मिल पाया है। जिस कारण से पथ परिवहन निगम को सर्विस दे रहे हजारों चालकों व परिचालकों को रोजी-रोटी के लाले पड़े हैं। उन्हें अपने परिवार को चलाना मुश्किल होता जा रहा है। लेकिन सरकार ने बगैर किसी इंतजाम के स्कूल खोलने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि सवाल यह उठता है कि पब्लिक सेक्टर को दी जाने वाली सर्विस के प्रति सरकार का यह घोर उदासीन रवैया जनता से सत्ता का द्रोह है। जिसके लिए सरकार को जनता कतई माफ नहीं करेगी।
 

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