सरकार ने अपने लिए किया सस्ते सीमैंट का इंतजाम, आम आदमी को नहीं राहत

Edited By Vijay, Updated: 23 Feb, 2020 04:38 PM

government has arranged cheap cement for itself

हिमाचल प्रदेश में सीमैंट के बढ़े दामों के बीच सरकार ने सरकारी आपूर्ति के लिए सस्ते सीमैंट का इंतजाम कर लिया है। राज्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम के माध्यम से सरकारी सीमैंट की आपूर्ति के लिए राज्य से बाहर की दो सीमैंट कंपनियों के साथ रेट कॉन्ट्रैक्ट हुआ...

सोलन (नरेश पाल): हिमाचल प्रदेश में सीमैंट के बढ़े दामों के बीच सरकार ने सरकारी आपूर्ति के लिए सस्ते सीमैंट का इंतजाम कर लिया है। राज्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम के माध्यम से सरकारी सीमैंट की आपूर्ति के लिए राज्य से बाहर की दो सीमैंट कंपनियों के साथ रेट कॉन्ट्रैक्ट हुआ है। इसका असर प्रदेश में स्थापित अंबुजा, एसीसी, अल्ट्राटैक सीमैंट कंपनियों पर भी पड़ा है। इन कंपनियों को भी उसी रेट पर एमओयू साइन करना पड़ा है, जिस रेट पर ड्यूराटोन व एशियन सीमैंट कंपनी ने साइन किया है।

आम आदमी को प्रदेश में 394 से 450 रुपए प्रति बैग से सीमैंट बेचने वाली कंपनियां सरकार को करीब 189 रुपए प्रति बैग सीमैंट की आपूर्ति करने को तैयार हो गई हैं। उद्योग विभाग के साथ पांचों सीमैंट कंपनियों का रेट कॉन्ट्रैक्ट होने के बाद राज्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम को सीमैंट की आपूर्ति भी शुरू हो गई है। उद्योग विभाग द्वारा सरकारी सीमैंट का रेट कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है और राज्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम द्वारा सरकारी विभागों को सीमैंट की आपूर्ति की जाती है। निगम ने लोक निर्माण विभाग, आईपीएच व ग्रामीण एवं पंचायती राज विभाग के साथ अन्य विभागों को सीमैंट की आपूर्ति शुरू कर दी है।

विदित रहे कि प्रदेश में पिछले एक महीनों में सीमैंट के दामों में 20 रुपए की वृद्धि हुई है। अंबुजा, एसीसी व अल्ट्राटैक सीमैंट कंपनियों ने 3 बार दामों को बढ़ाया है। इसके कारण आम आदमी परेशान है। हालांकि प्रदेश के सभी जिलों में सीमैंट के दाम अलग हैं लेकिन सीमैंट के बढ़े दामों का असर पूरे प्रदेश में देखने को मिल रहा है। सीमैंट कंपनियों ने सबसे पहले 7 जनवरी को सीमैंट के 5 रुपए दाम बढ़ाए थे। 11 जनवरी को सीमैंट के दामों में 5 रुपए की और वृद्धि कर दी है। आम आदमी अभी सीमैंट की बढ़ी इन कीमतों से उभरा भी नहीं था कि सीमैंट कंपनियों ने फरवरी के पहले सप्ताह में सीमैंट के दामो में सीधे 10 रुपए की वृद्धि कर दी।

हैरानी की बात यह है कि प्रदेश सरकार भी सीमैंट कंपनियों की मनमानी को रोकने में विफल हो गई है। इसके कारण सरकारी सीमैंट की आपूर्ति भी प्रभावित हो गई थी। प्रदेश की सीमैंट कंपनियां सरकार को भी महंगे दामों पर सीमैंट की आपूर्ति करना चाह रही थीं। यही कारण है ये कंपनियां रेट कॉन्टै्रक्ट करने में आनाकानी कर रही थीं। ड्यूराटोन व एशियन सीमैंट कंपनी के साथ रेट कॉन्ट्रैक्ट साइन होने के बाद इन कंपनियों पर भी दवाब बाद बढ़ गया। सरकार को सस्ते सीमैंट का इंतजाम तो हो गया लेकिन आम आदमी अभी भी महंगे दामों पर सीमैंट खरीदने को मजबूर है।

पंचायतों में तो करीब 9 महीनों बाद सीमैंट की आपूर्ति शुरू हुई है। बिना सीमैंट के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य प्रभावित हो गए थे। सीमैंट कंपनियों के साथ एमओयू साइन न होने के कारण पंचयतों को सीमैंट की आपूर्ति नहीं हो रही थी। अब 5 कंपनियों के साथ एमओयू साइन होने के बाद सीमैंट की आपूर्ति शुरू हो गई है। उद्योग विभाग के निदेशक हंसराज शर्मा ने बताया अंबुजा, एसीसी व अल्ट्राटैक के साथ-साथ ड्यूराटोन व एशियन कंपनी के साथ रेट कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। राज्य नागरिक एवं आपूर्ति निगम के माध्यम से सीमैंट की आपूर्ति शुरू हो गई है।

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