पर्यटन निगम के कर्मियों को बोनस देना भूली सरकार

Edited By Vijay, Updated: 16 Dec, 2018 10:20 PM

government forget to giving bonus to tourism corporation employees

प्रदेश पर्यटन विकास निगम में कार्यरत कर्मियों को सरकार वर्ष 2014 से बोनस देना भूल गई है। इतना ही नहीं, पर्यटन निगम के कर्मियों को सेवानिवृत्ति पर ग्रैच्युटी व लीव इन कैशमैंट के लाभ से भी वंचित रखा गया है। इन लाभों को न तो पूर्व की कांग्रेस सरकार दे...

धर्मशाला: प्रदेश पर्यटन विकास निगम में कार्यरत कर्मियों को सरकार वर्ष 2014 से बोनस देना भूल गई है। इतना ही नहीं, पर्यटन निगम के कर्मियों को सेवानिवृत्ति पर ग्रैच्युटी व लीव इन कैशमैंट के लाभ से भी वंचित रखा गया है। इन लाभों को न तो पूर्व की कांग्रेस सरकार दे पाई है और न ही अभी तक वर्तमान की भाजपा सरकार। यह बात प्रदेश पर्यटन विकास निगम कर्मचारी संघ (संबंधित भामसं) की 2 दिवसीय प्रदेश स्तरीय बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे भामसं प्रदेश उपाध्यक्ष मदन राणा ने रविवार को आयोजित धर्मशाला में प्रैस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने बताया कि प्रदेश पर्यटन विकास निगम में कार्यरत कर्मियों को समय पर वेतन तक नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि निगम कर्मियों को कभी 10 तो कभी 15 तारीख को वेतन दिया जाता है, ऐसे में सरकार से मांग है कि वेतन पहली तारीख को देने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने यह भी बताया कि पर्यटन निगम के कर्मियों को सेवानिवृत्ति पर ग्रैच्युटी व लीव इन कैशमैंट का लाभ भी नहीं मिल रहा है। सरकार उसे भी जल्द से जल्द निगम कर्मियों को दे।

पर्यटन निगम में 1600 के करीब कर्मचारी दे रहे सेवाएं

मदन राणा ने बताया कि वर्तमान समय में पर्यटन निगम में 1600 के करीब कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जिनमें 200 के लगभग आऊटसोर्स पर हैं। उन्होंने कहा कि जब से प्रदेश में जयराम ठाकुर की सरकार बनी है, तब से प्रदेश के कर्मचारियों को 2200 करोड़ रुपए के वित्तीय लाभ बिना आंदोलन के दिए गए हैं, ऐसे में उम्मीद है कि सरकार पर्यटन कर्मियों की ओर भी नजर-ए-इनायत करेगी। उन्होंने बताया कि महासंघ ने पहले ही प्रदेश सरकार को 26 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है तथा उम्मीद है कि सरकार शीघ्र महासंघ को बैठक के लिए बुलाएगी और फिर से मांगों को लेकर 26 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।

ठेका प्रथा बंद नहीं की तो सड़कों पर उतरेगी भामसं

उन्होंने भाजपा की जयराम सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने ठेका प्रथा व आऊटसोर्स पर रखे जा रहे कर्मियों के साथ हो रहे शोषण को बंद नहीं किया तो भारतीय मजदूर संघ सड़कों पर उतर कर उनके खिलाफ धरना-प्रदर्शन करेगा। उन्होंने बताया कि सरकार आई.पी.एच. विभाग में 2200 कर्मचारियों को आऊटसोर्स के माध्यम से भर्ती कर रही है, जिसका भामसं विरोध करता है। उन्होंने बताया कि आऊटसोर्स कर्मियों के लिए सरकार ठोस नीति बनाए और सीधे तौर से कर्मचारियों की भर्तियां की जाएं, ताकि आऊटसोर्स कर्मी शोषण से बच सकें।

40 फीसदी कर्मचारियों को मिला 4-9-14 का लाभ

उन्होंने बताया कि प्रदेश पर्यटन विकास निगम के 40 फीसदी कर्मियों को सरकार की ओर से 4-9-14 का लाभ मिल पाया है और 60 प्रतिशत कर्मचारी इस लाभ से वंचित हैं। यह लाभ केवल उन्हीं कर्मियों को मिला है, जो केवल 8 घंटे अपना काम करते हैं और जो कर्मचारी 10 से 12 घंटे मेहनत से अपना कार्य कर रहे हैं, सरकार द्वारा उन्हें इस लाभ से वंचित रखा जा रहा है। उन्होंने पूर्व वीरभद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 4-9-14 का लाभ धूमल की भाजपा सरकार ने 2009 से देना शुरू किया था लेकिन कर्मचारियों को धोखा देते हुए वीरभद्र सरकार ने इस लाभ को 4 साल बढ़ाकर 2012 से देना शुरू किया, जिसका दिल्ली में लाखों की संख्या में एकत्रित होकर भामसं के सदस्यों व कर्मचारियों ने विरोध किया, लेकिन उस पर भी राजनीति हावी रही।

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