Edited By prashant sharma, Updated: 18 Apr, 2021 11:25 AM
प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए फरमान की अन्य राज्यों से आने वाले लोग कोविड रिपोर्ट लेकर प्रदेश में 16 अप्रैल के बाद प्रवेश कर पाएंगे, से माता के मंदिरों में आने वाले भक्तों में इस कदर खौफ पैदा हो गया कि मंदिर विरान हो गए।
ज्वालामुखी (स.ह.) : प्रदेश सरकार द्वारा जारी किए गए फरमान की अन्य राज्यों से आने वाले लोग कोविड रिपोर्ट लेकर प्रदेश में 16 अप्रैल के बाद प्रवेश कर पाएंगे, से माता के मंदिरों में आने वाले भक्तों में इस कदर खौफ पैदा हो गया कि मंदिर विरान हो गए। शहर में सन्नाटा पसर गया और व्यापारी वर्ग में बेचैनी छा गई। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के मंदिरों में चैत्र माह के नवरात्रे चल रहे हैं। ऐसे में 16 अप्रैल तक यात्री आते जाते रहे परंतु प्रदेश सरकार के फरमान के बाद 16 अप्रैल के बाद यात्री इस कदर गायब हुए कि व्यापारियों की नींद हराम हो गई। दुकानदारों के माथे पर चिंता की लकीरें देखी जा रही है। दुकानदारों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि कम से कम नवरात्रों में यात्रियों को मंदिरों में आने से ना रोका जाए। कई राज्यों में बंदिशें बढ़ाई गई है।
कई जगह लॉकडाउन की स्थिति का लोगों को सामना करना पड़ा है परंतु हिमाचल प्रदेश के देव स्थलों में 16 अप्रैल के बाद जो यात्रियों की संख्या में गिरावट आई है उससे देव स्थलों के छोटे-छोटे दुकानदारों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा है। इन स्थानों के होटल व्यवसाय बुरी तरह से ठप्प हो गई हैं और दुकानदारों में बड़ी बेचैनी छा गई है। मंदिर अधिकारी तहसीलदार निर्मल सिंह ठाकुर ने बताया कि काफी कम संख्या में भक्त माता के दरबार में पहुंचे हैं। मंदिर न्यास ने हालांकि बेहतर व्यवस्था यात्रियों की सुविधा के लिए कर रखी है और यात्रियों को माता के दर्शन करवाने के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है। स्थानीय विधायक रमेश धवाला ने कहा कि निश्चित तौर पर सरकार के सख्त फैसले के चलते मंदिर न्यास ज्वालामुखी को राजस्व में मार पड़ेगी और दुकानदारों को भी इससे काफी क्षति झेलनी पड़ेगी परंतु वैश्विक महामारी के चलते सरकार भी विवश है।