Edited By Simpy Khanna, Updated: 23 Oct, 2019 01:48 PM
एक और प्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा दे रही है और छात्रों तक हर सुविधाएं पहुंचाने के लिए कार्य भी कर रही है। पर जब छात्रों को सरकारी भवन और अध्यापक ना मिले तो छात्र कैसे पढ़ पाएंगे। गिरिपार क्षेत्र के अंतर्गत कफोटा में 12 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी...
शिलाई (ब्यूरो) : एक और प्रदेश सरकार शिक्षा को बढ़ावा दे रही है और छात्रों तक हर सुविधाएं पहुंचाने के लिए कार्य भी कर रही है। पर जब छात्रों को सरकारी भवन और अध्यापक ना मिले तो छात्र कैसे पढ़ पाएंगे। गिरिपार क्षेत्र के अंतर्गत कफोटा में 12 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी आईटीआई बिल्डिंग का कार्य अब तक शुरू ही नहीं हुआ। छात्र शिक्षा के मंदिर में 10 किलोमीटर की दूरी तय करके शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं। कफोटा में 2007 में सरकार ने आईटीआई खोली थी जोकि अब तक निजी इमारत में चल रही है।
इतना समय बीत जाने के बावजूद भी सरकार एक छोटा सा भवन भी आईटीआई के लिए नहीं बना सकी। यह प्रशासन की बेरुखी कहेंगे या अनदेखी पर मुसीबतें तो छात्रों को ही झेलनी पड़ रही है। कई बार बोलने के बावजूद भी आईटीआई की बिल्डिंग को एक ईट तक नहीं लगाई गई है। यह आईटीआई एक निजी इमारत में चल रही है और सरकार अब तक इसका 21 लाख से अधिक किराया दे चुकी है। 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने जमीन का शिला निवास भी कर दिया था पर अभी तक यह समझ नहीं आ रहा है कि सरकार इतनी लापरवाही क्यों बरती रही है। इस आईटीआई में दिन प्रतिदिन बच्चों की संख्या बढ़ते ही जा रही है जिसके कारण वहां के अध्यापकों को भी समस्या हो रही है।
शिक्षकों का कहना है की प्राइवेट नैशनल हाईवे के साथ लगती है और ऐसे में छात्रों को पढ़ाई करने में समस्या आती है। यही नहीं इस भवन में छात्रों के लिए खाना खाने का कोई लंच रूम तक नहीं है। छात्रों ने एक बार फिर प्रदेश के मुखिया सीएम जयराम ठाकुर से जोरदार आग्रह किया है कि समस्या का जीवन आधार किया जाए ताकि छात्रों को भी पठन-पाठन में कोई समस्या उत्पन्न ना हो।