Edited By Simpy Khanna, Updated: 13 Dec, 2019 01:38 PM
देवता हुरगू नारायण अपने हारयानों के साथ मुंगर पूनु को बर्फवारी में जाते है। देवता लगभग 10से 15किलोमिटर का सफर पैदल पधर पंहुचा। देवता के कारदार देवी चंद ने बताया कि हर वर्ष देवता अपने मूल स्थान गदियाड़ा से पधर को जाते हैं। और यह मेला धूमधाम के साथ...
कुल्लू (दिलीप) : देवता हुरगू नारायण अपने हारयानों के साथ मुंगर पूनु को बर्फवारी में जाते है। देवता लगभग 10से 15किलोमिटर का सफर पैदल पधर पंहुचा। देवता के कारदार देवी चंद ने बताया कि हर वर्ष देवता अपने मूल स्थान गदियाड़ा से पधर को जाते हैं। और यह मेला धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
इस मेले को लेकर घाटी के लोगों में काफी उत्साह भी होता है। इस मेले को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते है। इस दौरान देवता रात के 2 बजे के वाद गांव की भी परिक्रमा भी करते है। जिसमें बूरी शक्तियों का भी नाश किया जाता है। और अंत में देवता के प्रागण में आग जला कर उन बूरी शक्तियों का खात्मा किया जाता है।