Edited By Vijay, Updated: 02 Nov, 2018 08:45 PM
लांगणा पंचायत के कोढर गांव में सोहन सिंह की भैंस के कटड़े की लगभग एक माह पहले एक पागल कुत्ते के काटने से मौत हो गई है जबकि 3 दिन पहले बकरे की भी पागल कुत्ते के काटने से मौत हो गई है।
लांगणा: लांगणा पंचायत के कोढर गांव में सोहन सिंह की भैंस के कटड़े की लगभग एक माह पहले एक पागल कुत्ते के काटने से मौत हो गई है जबकि 3 दिन पहले बकरे की भी पागल कुत्ते के काटने से मौत हो गई है। भैंस, कटड़ा और बकरा तीनों एक साथ चारा खाते थे। भैंस के दूध-दही का विवाह-शादियों व अन्य समारोहों में हजारों लोगों ने सेवन किया है, जिसके कारण लोग दहशत में हैं तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लांगणा में एंटी रैबीज वैक्सीन लगवा रहे हैं।
लोगों को यह है संदेह
लोगों को शक है कि साथ चारा खाने से भैंस में भी रैबीज के कीटाणु प्रवेश हो सकते हैं। बीते 2 दिनों में लगभग 150 लोगों ने इंजैक्शन लगवा लिए हैं तथा अभी भी सैंकड़ों लोग इंजैक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं लेकिन इंजैक्शन खत्म होने के कारण कुछ लोग वंचित रह गए।
फार्मासिस्ट के सहारे चला रहा स्वास्थ्य केंद्र
स्वास्थ्य केंद्र में डाक्टर का तबादला होने के बाद यह केंद्र फार्मासिस्ट के सहारे रह गया है तथा ऐसी आपदा के समय इंजैक्शन लगाने के लिए बाहरी तकनीकी लोगों की सहायता लेनी पड़ रही है। कोढर गांव के लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस गांव के सभी मवेशियों को भी एंटी रैबीज के टीके लगाए जाएं।
क्या कहते हैं स्वास्थ्य अधिकारी
सी.एम.ओ. मंडी डा. जीवानंद चौहान ने कहा कि सूचना मिलते ही स्टोर इंचार्ज और चीफ फार्मासिस्ट को आदेश कर दिए हैं कि जोगिंद्रनगर या मंडी से जितनी ए.आर.वी. चाहिए, शीघ्र उपलब्ध करवाई जाए। वहीं सी.एच.सी. लडभड़ोल के चीफ फार्मासिस्ट आर.एल. वालिया का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लांगणा में शीघ्र ही इंजैक्शन उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। जब भैंस ठीक है तो लोगों को वहम करने की जरूरत नहीं है।