Edited By Kuldeep, Updated: 28 Aug, 2018 09:12 PM
घुमारवीं के अतिरिक्त न्यायिक दंडाधिकारी संदीप सिहाग की अदालत ने दहेज उत्पीडऩ के मामले में नामजद आरोपी पति को दोषी करार देते हुए 3 वर्ष के कारावास तथा 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
घुमारवीं: घुमारवीं के अतिरिक्त न्यायिक दंडाधिकारी संदीप सिहाग की अदालत ने दहेज उत्पीडऩ के मामले में नामजद आरोपी पति को दोषी करार देते हुए 3 वर्ष के कारावास तथा 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। मामले की जानकारी देते हुए सहायक लोक अभियोजक के.वी. अवस्थी ने बताया कि यह मामला पुलिस थाना घुमारवीं में 31 जुलाई, 2011 में दर्ज किया गया था। उन्होंने बताया कि मामले का आरोपी चंद्रशेखर पुत्र प्रीतम सिंह गांव व डाकघर मसौर तहसील घुमारवीं का रहने वाला है। बताते चलें कि 31 जुलाई, 2011 को आरोपी की पत्नी की तबीयत अचानक बिगड़ गई जिसके चलते उसे सिविल अस्पताल घुमारवीं लाया गया। जहां चिकित्सकों ने महिला को मृत घोषित कर दिया। अस्पताल के चिकित्सकों ने इस मामले की सूचना पुलिस थाना घुमारवीं को दी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए महिला के शव को अपने कब्जे में ले लिया।
मृतका की मौत किसी बीमारी के कारण हुई
इसी दौरान पुलिस ने मृत महिला के मायके वालों को इस घटना के बारे में सूचित किया। मृतका के पिता आजादी सिंह ने आरोप लगाया कि उसका पति उनकी बेटी को दहेज के लिए शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त करता है। पुलिस ने मृतका के पिता का बयान दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154 के तहत कलमबद्ध किया। बयान में कहा गया कि उनकी बेटी को जहर देकर मारा गया। शुरूआती जांच में मृतका के पति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 व 498ए के तहत आपराधिक मामला दर्ज कर किया गया। उसके बाद मैडीकल की अंतिम रिपोर्ट में कहा गया कि मृतका की मौत किसी बीमारी के कारण हुई है। उसके बाद पुलिस ने इस मामले में धारा 306 को हटाकर धारा 498ए के तहत अदालत में आरोपी के खिलाफ अदालत में चालान पेश कर दिया। अभियोजन पक्ष ने इस मामले में कुल 18 गवाह पेश किए। अदालत ने मंगलवार को मामले के आरोपी चंद्रशेखर को दोषी करार देते हुए उसे 3 वर्ष के कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनवाई।