कांग्रेस में पदाधिकारियों के इस्तीफों से खलबली, अब इन 2 नेताओं ने दिया इस्तीफा

Edited By Vijay, Updated: 30 Jun, 2019 11:17 PM

general secretary gave resignation

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की नसीहत के बाद राज्य में कांग्रेस नेताओं के बीच अपने-अपने पदों से इस्तीफा देने ही होड़ शुरू हो गई है। ऐसा होने से प्रदेश कांग्रेस में खलबली मच गई है। शनिवार के बाद रविवार को भी कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अपने...

शिमला: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की नसीहत के बाद राज्य में कांग्रेस नेताओं के बीच अपने-अपने पदों से इस्तीफा देने ही होड़ शुरू हो गई है। ऐसा होने से प्रदेश कांग्रेस में खलबली मच गई है। शनिवार के बाद रविवार को भी कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अपने पदों से त्याग पत्र दे दिया है। 5 बार विधायक रहे चुके वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन चौहान ने भी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव में प्रदेश में मिली शर्मनाक हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उक्त पद से इस्तीफा दिया। चौहान सिरमौर जिला के शिलाई विधानसभा हलके से विधायक हैं और 5वीं बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। इसके साथ ही प्रदेश कांग्र्रेस के महासचिव नरेश चौहान ने भी अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है। इस संबंध में उन्होंने भी राहुल गांधी को पत्र लिखा है। इसके साथ ही कुछ अन्य पदाधिकारियों के इस्तीफे भी कांग्रेस कार्यालय पहुंचने की सूचना है।

हर्षवर्धन चौहान ने ली हार की नैतिक जिम्मेदारी

हर्षवर्धन चौहान ने राहुल गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में लिखा है कि हिमाचल में भाजपा ने लोकसभा चुनाव में देश में सबसे अधिक 70 फीसदी वोट हासिल किए जबकि कांग्रेस को केवल मात्र 27 फीसदी वोट ही मिल पाए। कांग्रेस के वोट शेयर में इतनी अधिक गिरावट को देखते हुए हार की नैतिक जिम्मेदारी ली है। उन्होंने लिखा है कि वोट शेयर में इतनी भारी गिरावट को देखते हुए वरिष्ठ नेताओं को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए लेकिन खेद की बात है कि वरिष्ठ नेता हार के लिए ग्रास रूट स्तर के नेताओं को इसका जिम्मेदार मान रहे हैं, जो बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे पार्टी काडर का मनोबल भी गिर रहा है। उन्होंने लिखा कि अपना इस्तीफा देना आज बहुत ही जरूरी है, ताकि राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी संगठन में पूरी तरह से परिवर्तन कर सकें।

इस्तीफा दें या न दें, नेताओं को सता रहा डर

चुनाव में कांग्रेस के अधिकतर वरिष्ठ नेता अपने-अपने बूथों तक से पार्टी प्रत्याशी को लीड नहीं दिला पाए। ऐसे में नेताओं को डर है कि यदि वे अपने पद से अभी त्याग पत्र दे देते हैं तो उनको बाद में संगठन में स्थान मिलेगा भी या नहीं? इसके चलते ही नेता त्याग पत्र देने से कतरा रहे हैं और अन्य नेताओं के त्याग पत्र देने का इंतजार कर रहे हैं।

वरिष्ठ नेताओं पर बनने लगा दबाव

पदाधिकारियों द्वारा दिए जा रहे इस्तीफों से वरिष्ठ नेताओं पर भी दबाव बनने लगा है। सूत्रों की मानें तो इसी कड़ी में आगामी दिनों में कुछ अन्य चेहरे भी इस्तीफा देने के लिए आगे आ सकते हैं। गौर हो कि पूर्व विधायक राजेश धर्माणी ने बीते दिन ए.आई.सी.सी. सचिव पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही प्रदेश कांग्रेस के महासचिव मनमोहन कटोच, पूर्व परिवहन मंत्री जी.एस. बाली के पुत्र रघुवीर सिंह बाली और हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष सुरेश कुमार ने भी अपने पद से त्याग पत्र दे दिया है।

क्या बोले नरेश चौहान

कांग्रेस के महासचिव नरेश चौहान ने कहा कि चुनाव में हार-जीत चली रहती है, लेकिन जिस तरह से प्रदेश में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा, वह ङ्क्षचतनीय है। उन्होंने कहा कि यह समय एक-दूसरे पर दोषारोपण न कर एकजुट होकर चलने का है। उन्होंने कहा कि चुनाव में मिली हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है।

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