सोलन में अब वैज्ञानिक तरीके से निष्पादित होगा कचरा, इन 2 कंपनियों ने दिखाई रुचि (Video)

Edited By Vijay, Updated: 12 Dec, 2019 07:00 PM

नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की फटकार के बाद सोलन नगर परिषद सलोगड़ा स्थित कचरा प्रबंधन सैंटर में वैज्ञानिक तरीके से कचरे का निष्पादन करने की तैयारी कर रही है। शहर से निकलने वाले 20 टन कचरे और सलोगड़ा में पहले से लगे ढेर...

सोलन (नरेश पाल): नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की फटकार के बाद सोलन नगर परिषद सलोगड़ा स्थित कचरा प्रबंधन सैंटर में वैज्ञानिक तरीके से कचरे का निष्पादन करने की तैयारी कर रही है। शहर से निकलने वाले 20 टन कचरे और सलोगड़ा में पहले से लगे ढेर को ठिकाने लगाने के लिए नगर परिषद एक वैज्ञानिक कम्पनी या संस्था को यह जिम्मा सौंपने वाली है। इसके लिए नगर परिषद की बैठक में 2 कम्पनियों ने अपनी पै्रजैंटेशन दिखाई है, जिसके जरिए कूड़े का निष्पादन कर उसे खाद में तबदील किया जाएगा। इसके लिए एक स्थानीय कम्पनी और एक लंदन बेस्ड कम्पनी ने रुचि दिखाई है।
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सिरदर्द से कम नहीं कचरे को ठिकाने लगाना

बता दें कि शहर के कचरे को ठिकाने लगाना नगर परिषद के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं है। इसके निष्पादन के लिए एलोवेरा में सैंटर बनाया गया है। पहले इसे यहीं पर वैज्ञानिक तरीके से जलाकर ठिकाने लगाने का काम होता रहा। यहां कचरे की छपाई करने के लिए मशीन भी लगाई गई लेकिन इसे चलाने और रखरखाव के लिए भी संचालक नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी की कड़ी फटकार के बाद इसके वैज्ञानिक निष्पादन के लिए अब कंपनी को इसकी जिम्मेदारी दी जा रही है।
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सोलन शहर से रोजाना निकलता है 20 टन कचरा

सोलन नगर परिषद के 15 वार्डों में डोर-टू-डोर गारबेज कलैक्शन होती है। इससे रोजाना करीब 20 टन कचरा इकट्ठा होता है, जिसे वाहनों के माध्यम से सलोगड़ा ठोस कूड़ा संयंत्र में ले जाया जाता है। यहां पहले से ही हजारों टन कचरा जमा है। प्रदूषण फैलने की वजह से काफी समय से इसे जलाया भी नहीं जा रहा है जिस कारण धीरे-धीरे कूड़े के ढेर पहाड़ बनते जा रहे हैं। इसके अलावा नगर परिषद ने अपने परिसर में प्लास्टिक और पॉलिथीन कलैक्शन सैंटर स्थापित किया है, यहां कोई भी आकर 75 रुपए प्रति किलो के हिसाब से प्लास्टिक और पॉलिथीन भेज सकता है। यहां जमा होने वाले कचरे को अंबुजा सीमैंट की फैक्टरी में ईंधन बनाने को दिया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने एमओयू भी साइन किया है।
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2 कम्पनियों ने दिखाई दिलचस्पी

प्रदेश सरकार ने कई बार इस संयंत्र का निरीक्षण किया, जिसके बाद यह पाया कि नगर परिषद कचरे का सही तरीके से निष्पादन नहीं कर पा रही है। इस पर नगर परिषद ने इसके निष्पादन के लिए 2-3 कंपनियों व संस्थाओं को बुलाया। भिवानी रूरल यूथ लेबर एंड फॉर्मल सोसायटी और कैंटोर एनर्जी ने अपनी-अपनी प्रैजैंटेशन नगर परिषद को दिखाई। इनमें भिवानी रूरल यूथ लेबर एंड फॉर्मल सोसायटी स्थानीय है और यह संस्था गारबेज कलैक्शन के साथ सलोगड़ा संयंत्र का पूरा काम लेना चाहती है। कैंटोर एनर्जी मूलत: लंदन बेस्ड कंपनी है जबकि दिल्ली में इसका अपना कार्यालय है। यह कंपनी गारबेज कलैक्शन में रुचि नहीं रखती सिर्फ सलोगड़ा में स्थित संयंत्र में वैज्ञानिक तरीके से कचरे का निष्पादन करना चाहती है।

क्या कहते हैं नगर परिषद के अध्यक्ष

नगर परिषद के अध्यक्ष देवेंद्र ठाकुर ने बताया कि कूड़े की समस्या नगर परिषद के लिए सिरदर्द बनी हुई है, जिसके चलते कंपनियों को न्यौता दिया गया था। इसमें 2 कंपनियों ने अपनी रुचि दिखाई है और कूड़े का निष्पादन कर उसे खाद में तबदील करने के लिए इसका प्रयोग किया जाएगा। इस बारे में जल्द ही विचार किया जाएगा और कंपनी के साथ इस बारे में एग्रीमैंट किया जाएगा।

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