Edited By Vijay, Updated: 19 Jul, 2018 06:17 PM
कभी खराब मौसम के चलते तो कभी किसी तकनीकी समस्या के चलते गग्गल एयरपोर्ट पर विमान सेवाएं रद्द होने या डिले होने के कारण गग्गल एयरपोर्ट किस कद्र अपनी विश्वसनीयता खो रहा है।
गग्गल: कभी खराब मौसम के चलते तो कभी किसी तकनीकी समस्या के चलते गग्गल एयरपोर्ट पर विमान सेवाएं रद्द होने या डिले होने के कारण गग्गल एयरपोर्ट किस कद्र अपनी विश्वसनीयता खो रहा है। इसका पता उस समय चला जब गत माह सिंगापुर गए हिमाचल के एक प्रबुद्ध विमान यात्री ने वापसी के लिए संबंधित बुकिंग एजैंट को कहा कि दिल्ली से आगे मेरी अगली बुकिंग गग्गल एयरपोर्ट की करवा देना। इस पर उस एजैंट ने यह कह कर उन्हें हक्का-बक्का कर दिया कि साहिब आप गग्गल एयरपोर्ट के लिए बुकिंग न ही करवाओ तो अच्छा है क्योंकि इस एयरपोर्ट का कोई भरोसा नहीं होता कि कब फ्लाइट रद्द हो जाए।
फ्लाइटों के डिले होने से टूट जाती है अगले विमान की कनैक्टिविटी
वहीं मुंबई में जॉब कर रहे संधोल (जोगिंद्रनगर) के दंपत्ति सुशांत ठाकुर व सोनम ने बताया कि कई बार गग्गल एयरपोर्ट पर फ्लाइटों के आने-जाने में डिले होने की स्थिति में उनके गंतव्य के लिए अगले विमान की कनैक्टिविटी टूट जाती है, जिस कारण उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जानकारी के अनुसार कई बार यात्रियों की संख्या कम होने के चलते संबंधित कंपनियां उस फ्लाइट को रद्द करके यात्रियों को अपनी दूसरी फ्लाइट में मर्ज कर देती हैं। इस कारण भी यात्रियों की अगली कनैक्टीविटी बाधित होती है।
हिमाचल को आदर्श पर्यटन राज्य बनाने के दावे हो रहे फेल
प्रबुद्ध विमान यात्रियों का कहना है कि एक तरफ तो सरकार पर्यटन राज्य हिमाचल को आदर्श पर्यटन राज्य बनाने के दावे करती है वहीं इस प्रकार अगर विमान सेवाएं रद्द होती रहीं तो इसका बाहरी पर्यटकों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। वहीं यह बात भी समझ से परे लगती है कि हमारे कर्णधार गग्गल एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर विस्तारीकरण के दावे तो करते हैं लेकिन न जाने विमान सेवाओं के विस्तारीकरण की ओर ध्यान क्यों नहीं देते। क्यों गग्गल एयरपोर्ट को दिल्ली के साथ-साथ चंडीगढ़, अमृतसर व गोवा आदि स्थानों से नहीं जोड़ रहे।
एक वर्ष बीत जाने पर भी हवा में लटका मामला
उल्लेखनीय है कि 29 जून, 2017 को गग्गल एयरपोर्ट पर सांसद शांता कुमार की अध्यक्षता में आयोजित एयरपोर्ट प्रशासन की बैठक में भी गग्गल-चंडीगढ़ के बीच विमान सेवा शीघ्र शुरू करने पर बल दिया गया था लेकिन एक वर्ष बीत जाने पर भी यह मामला अभी हवा में ही लटका हुआ है। कांगड़ा के साहिल ग्रोवर ने कहा कि ऐसे प्रयास किए जाने चाहिए कि विमान सेवाएं रद्द होने की संभावनाएं शून्य हो जाएं यानी खराब मौसम में भी विमान सेवाएं बाधित न हों।
यात्री गग्गल की बजाय चंडीगढ़ से लेते हैं फ्लाइट
गग्गल एयरपोर्ट से विमान यात्रा महंगी होने के कारण भी कई यात्री गग्गल की बजाय चंडीगढ़-अमृतसर से जाते हैं, जिसके बारे गग्गल के दंपत्ति चंद्र तलवाड़ तथा निशी तलवाड़ ने बताया कि उन्होंने जब अहमदाबाद जाना होता है तो वह चंडीगढ़ से जाते हैं क्योंकि जहां गग्गल से दिल्ली तक का ही किराया 10 से 15 हजार रुपए प्रति यात्री पड़ता है तो वहीं चड़ीगढ़ से अहमदाबाद का आने-जाने का किराया मात्र 7 हजार तक पड़ता है।
विश्व का सुपर एयरपोर्ट बनाने के हो रहे प्रयास
गग्गल एयरपोर्ट के निदेशक सोनम नुरभु ने बताया कि एयरपोर्ट प्रशासन के प्रयास चले आ रहे हैं कि गग्गल एयरपोर्ट न केवल राष्ट्र का ही बल्कि विश्व का सुपर एयरपोर्ट बनकर उभरे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2018 के जून महीने से लेकर 18 जुलाई तक 17 फ्लाइटें रद्द हो चुकी हैं।