Edited By Ekta, Updated: 01 Oct, 2019 01:33 PM
शिमला शहर में मर्ज एरिया में पानी के बिलों की दरों को लेकर नगर निगम की मासिक बैठक में पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। बैठक शुरू होते ही कोर एरिया में भी पानी के बिलों में राहत देने का मुद्दा उठाया गया। बीजेपी पार्षद आरती चौहान ने अपने ही पार्टी के उप...
शिमला (तिलक): शिमला शहर में मर्ज एरिया में पानी के बिलों की दरों को लेकर नगर निगम की मासिक बैठक में पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। बैठक शुरू होते ही कोर एरिया में भी पानी के बिलों में राहत देने का मुद्दा उठाया गया। बीजेपी पार्षद आरती चौहान ने अपने ही पार्टी के उप महापौर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए शहर के अन्य वार्डों के साथ भेदभाव करने के आरोप लगाते हुए इस्तीफे की मांग की। आरती का कहना है कि बीओडी की बैठक में मर्ज एरिया में पानी की दरों को 25 रुपए करने का प्रस्ताव रखा गया था जबकि अन्य वार्ड जोकि पहले से ही नगर निगम में थे उन वार्डों में पानी के भारी बिलों में राहत देने को लेकर बात तक नहीं की गई। जबकि लोगों को लाखों के बिल आ रहे हैं और लोग अपनी समस्याओं को लेकर उनके पास आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बीओडी की बैठक में निगम के उप महापौर राकेश शर्मा ने शहर के अन्य वार्डों का पक्ष तक नहीं रखा। ऐसे में उन्हें उप महापौर के पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। उधर नगर निगम के उप महापौर राकेश शर्मा ने कहा कि बीओडी की बैठक में पानी की दरों को लेकर चर्चा हुई। इसमें मर्ज एरिया में पानी की दरों में कमी करने का आग्रह किया गया लेकिन तय नहीं हो पाया और इसके लिए मुख्य सचिव ने एमसी का अलग से हाउस बुलाकर चर्चा करने को कहा और जल्द ही इसके लिए हाउस बुलाया जाएगा जिसमें पानी की दरों को लेकर चर्चा की जाएगी।
नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि शहर के सभी वार्डों में पानी के बिलों की समस्या है। लोगों को लाखों में बिल आ रहे हैं और इसके लिए जल निगम की बीओडी की बैठक भी हुई है और जल्द ही स्पेशल हाऊस बुलाकर चर्चा कर लोगों को पानी के भारी भरकम बिलों से राहत दिलाई जाएगी। वहीं अब देखना होगा कि पानी के भारी भरकम बिलों के नीचे दबते जा रहे शिमला वासियों को नगर निगम कब तक राहत प्रदान करता है।