Edited By Vijay, Updated: 23 Dec, 2018 11:25 PM
वर्ष का आखिरी महीना अर्की के डुमैहर गांव को ऐसा जख्म दे गया जो कभी नहीं भर सकेगा। रविवार का दिन ऐसी सुबह लेकर आया कि पूरे गांव में मातम छा गया। सुबह-सुबह लोग सो कर उठ ही रहे थे कि उन्हें गंभरपुल से ट्रक खाई में गिरने से हुई 3 लोगों की मौत की सूचना...
अर्की: वर्ष का आखिरी महीना अर्की के डुमैहर गांव को ऐसा जख्म दे गया जो कभी नहीं भर सकेगा। रविवार का दिन ऐसी सुबह लेकर आया कि पूरे गांव में मातम छा गया। सुबह-सुबह लोग सो कर उठ ही रहे थे कि उन्हें गंभरपुल से ट्रक खाई में गिरने से हुई 3 लोगों की मौत की सूचना मिली। सभी लोग युवाओं के घरों में एकत्र हो गए जबकि कुछ लोग घटना स्थल के लिए रवाना हो गए। परिवार की महिलाओं का रो-रो कर बुरा हाल था। जैसे ही तीनों शव गांव में पहुंचे तो सबकी आंखें नम थीं। जानकारी के अनुसार तीनों युवक संदीप, सुरेश व राजेन्द्र आपस में गहरे मित्र होने के साथ रिश्तेदार भी थे। तीनों गांव से ईंटें लाने के लिए ट्रक में गए थे लेकिन गांव में ईंटों के स्थान पर तीनों के शव पहुंचे।
संदीप के परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
एक युवक संदीप के पिता का 4 माह पूर्व ही देहांत हुआ था और वह परिवार में एकमात्र कमाने वाला था। उसके परिवार पर मानो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वह अपने पीछे अपनी पत्नी, एक बेटा व एक बेटी छोड़ गया है। संदीप अगले महीने होने वाली स्वामी विवेकानंद क्रिकेट प्रतियोगिता के आयोजकों में भी प्रमुख था तथा इसकी तैयारी में भी जुटा था।
पत्नी सहित 3 बेटियां व एक बेटा छोड़ गया सुरेश
इस हादसे में मारे गए सुरेश कुमार की उम्र लगभग 39 वर्ष थी। वह अपने पीछे पत्नी, 3 बेटियां व एक बेटा छोड़ गया। घर में उसकी पत्नी व बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल था। हादसे का शिकार हुए तीसरे युवक राजेंद्र की उम्र लगभग 35 वर्ष थी। वह भी अपने पीछे पत्नी व एक बेटी छोड़ गया है। डोलंग श्मशानघाट पर तीनों युवाओं की चिताएं एक साथ जलीं।