Edited By Ekta, Updated: 12 Apr, 2019 12:49 PM
राज्य में पॉलीथिन के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है और किसी भी रूप में इसका इस्तेमाल गैर कानूनी है। दोषी को सजा तथा जुर्माना अथवा दोनों का कानून में प्रावधान है। कुल्लू जिला दण्डाधिकारी यूनुस ने कहा कि जिला में पॉलीथिन का प्रयोग करने वालों...
कुल्लू (दिलीप): राज्य में पॉलीथिन के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है और किसी भी रूप में इसका इस्तेमाल गैर कानूनी है। दोषी को सजा तथा जुर्माना अथवा दोनों का कानून में प्रावधान है। कुल्लू जिला दण्डाधिकारी यूनुस ने कहा कि जिला में पॉलीथिन का प्रयोग करने वालों पर कड़ी नजर रखी गई है। कानून को उल्लंघन करने वाली किसी भी दोषी व्यक्ति के साथ नरमी नहीं बरती जाएगी। जिला दण्डाधिकारी ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के जिला नियंत्रक तथा खाद्य सुरक्षा नियंत्रक को जिला में किसी भी व्यापारिक, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों अथवा अन्य संस्थानों में पॉलीथिन तथा थर्मोकोल की प्लेटों व ग्लासों के प्रयोग पर कड़ी नजर रखने तथा दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
उन्होंने इन विभागों के अधिकारियों व निरीक्षकों को दूकानों व सब्जी मण्डियों के समय-समय पर औचक निरीक्षण करने को कहा है। उन्होंने इस संबंध में विभागों से सप्ताह के भीतर रिपोर्ट भी तलब की है। उन्होंने कहा कि जिला को साफ-सुथरा रखने तथा पर्यावरण को बचाने के लिए समय-समय पर पॉलीथीन हटाओ अभियान भी चलाया गया है, लेकिन इसके बावजूद पॉलीथिन का प्रयोग तथा सुविधा अनुसार कहीं पर भी फैंक देना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस संबंध में लोगों को सोच में बदलाव लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कूडे़-कचरे का वैज्ञानिक ढंग से निस्तारण करने के प्रयास किए जा रहे हैं और लोगों को भी इसमें अपना सहयोग करना चाहिए।
यूनुस ने कहा कि पॉलीथिन का प्रयोग जहां पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है, वहीं मानव स्वास्थ्य को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। हालांकि लोगों को इसके प्रयोग से होने वाले नुकसान बारे जागरूक किया गया है। अनेकों मवेशी कचरे के साथ पॉलीथिन को भी निगल सकते हैं और उनकी दर्दनाक मौत का कारण बन सकते हैं। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वे किसी भी प्रकार के पॉलीथिन का न ही प्रयोग करें और न ही दुकानदारों अथवा सब्जी विक्रेताओं से करने दें और मवेशियों की मौत तथा पर्यावरण को दूषित करने जैसे पाप का भागीदार न बनें।