मंडी में ट्रेजरी की फर्जी रसीदाें पर लाखों की धोखाधड़ी, पूर्व अधिकारी सहित 2 के खिलाफ मामला दर्ज

Edited By Vijay, Updated: 15 Jul, 2020 09:19 PM

fraud of lakhs on fake receipts of treasury in mandi

हैल्थ सेफ्टी एंड रैगुलेशन विभाग के अधीन स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन कार्यालय मंडी में लाइसैंस रिन्यू और जुर्माना राशि वसूलने के नाम पर लाखों रुपए का गड़बड़झाला सामने आया है।

मंडी (ब्यूरो): हैल्थ सेफ्टी एंड रैगुलेशन विभाग के अधीन स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन कार्यालय मंडी में लाइसैंस रिन्यू और जुर्माना राशि वसूलने के नाम पर लाखों रुपए का गड़बड़झाला सामने आया है। विजीलैंस मंडी की टीम ने जांच में पाया है कि जुर्माना राशि की एवज में लाइसैंस धारकों को ट्रेजरी की फर्जी रसीदें दी गईं तथा कार्यालय की ओर से पूर्व अधिकारी ने इस गड़बड़झाले को अस्पताल मार्ग स्थित एक साइबर कैफे के संचालक के साथ मिलकर अंजाम दिया।

शिकायत मिलने के बाद विजीलैंस ने स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन कार्यालय व साइबर कैफे का रिकॉर्ड, कम्प्यूटर, लैपटॉप व फर्जी रसीदें कब्जे में ले ली हैं तथा साइबर कैफे संचालक व विभाग के पूर्व अधिकारी के खिलाफ धोखाधड़ी व साजिश रचने का मामला दर्ज किया है। विजीलैंस ने बुधवार को साइबर कैफे मालिक से इस संदर्भ में पूछताछ भी की तथा बताया जा रहा है कि लाइसैंस बनाने की फीस 500 से 10,000 रुपए तक है और रिन्यू न होने पर लगने वाला जुर्माना भी ज्यादा होता है लेकिन इसे भी मनमाने तरीके से वसूला गया जिससे सरकारी राजस्व में चपत लगी है।

पता चला है कि विजीलैंस ने अपने स्तर पर इस मामले की पहले इन्वैस्टीगेशन की और पाया कि कई कारोबारी समय पर अपने लाइसैंस का नवीनीकरण नहीं करवा पाए थे, ऐसे लोगों को चिन्हित कर औचक निरीक्षण किया गया जिनसे 10 से 15 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया गया था और ट्रेजरी रसीदों में लाइसैंस धारक का नाम नहीं था जबकि उन्हें जुर्माना राशि ट्रेजरी के अकाऊंट में ऑनलाइन जमा करवाने के निर्देश दिए गए थे। साइबर कैफे से रसीद भी प्रिंट कर दी गई मगर रसीद में इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि जुर्माना राशि किसने भरी। ऐसा माना जा रहा है कि सॉफ्टवेयर पर फर्जी रसीदें बना जुर्माना राशि साइबर कैफे मालिक की मिलीभगत से अधिकारियों की जेब में जाती रही। विजीलैंस अब कार्यालय व साइबर कैफे का रिकार्ड खंगाल रही है।
 
एडीशनल एसपी विजीलैंस मंडी कुलभूषण वर्मा का कहना है कि जुर्माना राशि जमा करवाने के नाम पर स्वास्थ्य सुरक्षा एवं विनियमन कार्यालय मंडी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। इस कार्य में साइबर कैफे के मालिक और पूर्व में रहे एक अधिकारी की मिलीभगत का अंदेशा है। अभी जांच शुरू हुई है और दस्तावेज व रिकार्ड खंगालने से ही मामले में गोलमाल का पर्दाफाश होगा।

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