Edited By prashant sharma, Updated: 10 Apr, 2020 05:27 PM
हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच वीरवार को डॉ. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कालेज एवं अस्पताल टांडा से राहत की खबर है। यहां कोविड-19 संक्रमित उपचाराधीन 4 जमातियों की सैंपल रिपोर्ट नैगेटिव आई है। इनमें ऊना से लाए गए 3 कोविड-19 संक्रमित...
कांगड़ा (ब्यूरो): हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच वीरवार को डॉ. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कालेज एवं अस्पताल टांडा से राहत की खबर है। यहां कोविड-19 संक्रमित उपचाराधीन 4 जमातियों की सैंपल रिपोर्ट नैगेटिव आई है। इनमें ऊना से लाए गए 3 कोविड-19 संक्रमित मरीजों सहित कांगड़ा जिला के फतेहपुर का कोरोना वायरस पॉजीटिव मरीज भी शामिल है। इनकी सैंपल रिपोर्ट नैगेटिव आने के बाद अब इनको छुट्टी देने से पहले दोबारा इनका टैस्ट किया जाएगा। वीरवार को जिला कांगड़ा से संबंधित कोविड-19 संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों सहित अन्य 29 संदिग्धों की रिपोर्ट भी नैगेटिव पाई गई है। डीसी कांगड़ा राकेश प्रजापति ने बताया कि वीरवार को टीएमसी में जांचे 29 सैंपलों की रिपोर्ट नैगेटिव आई है।
कांगड़ा में अभी तक कोविड-19 के 4 मामले रिपोर्ट
गौरतलब है कि जिला कांगड़ा में अभी तक कोविड-19 संक्रमित 4 मामले अभी तक रिपोर्ट हुए हैं। इन 4 मामलों में से 2 मरीज स्वस्थ होकर घर चले गए हैं जबकि मैक्लोडगंज में तिब्बती समुदाय से संबंध रखने वाले 1 बुजुर्ग की मृत्यु हो चुकी है। वहीं दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में शामिल होकर कांगड़ा पहुंचे व्यक्ति में वायरस की पुष्टि होने के बाद टीएमसी में भर्ती किया गया है। मौजूदा समय में जिला कांगड़ा में 1 ही मामला कोविड-19 संक्रमित मरीज का है। वीरवार को इस मरीज की भी रिपोर्ट नैगेटिव आई है तथा छुट्टी देने से पहले दोबारा सैंपल की जांच की जाएगी। वहीं इस मरीज के संपर्क में आए सभी लोगों को भी होम क्वांरटाइन किया गया है।
अभी तक जांचे गए 150 संदिग्धों के सैंपल
जिला कांगड़ा में अभी तक 150 से अधिक संदिग्धों के सैंपल की जांच की जा चुकी है, जिनमें से 4 ही मामले कोरोना पॉजीटिव पाए गए थे। जिला कांगड़ा में कफ्र्यू लगने के बाद 1700 लोग विदेशों से आए थे जबकि 14,700 लोग दूसरे राज्यों से पहुंचे। जिला में दिल्ली के मरकज में शामिल होने के बाद मार्च माह के दौरान वापस आए 9 तब्लीगी जमात के लोगों को चिन्हित किया गया था तथा इनकी जांच भी की गई। उन्होंने बताया कि फतेहपुर के कोरोना वायरस पॉजीटिव मरीज के संपर्क में आए 56 लोगों के सैंपल भी जांचे गए हैं। इन सभी सैंपल की रिपोर्ट भी नैगेटिव पाई गई है।
टांडा अस्पताल में रखें जाएंगे सीरियस मरीज
डॉ. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कालेज एवं अस्पताल टांडा में बनाए गए आइसोलेशन वार्ड में कोविड-19 संक्रमित सीरियस मरीजों को ही रखने की योजना तैयार की गई है। वहीं कोविड-19 संक्रमित मरीज की अलग-अलग कैटागिरी को देखते हुए उन्हें जिला के जोनल अस्पताल धर्मशाला, ज्वालामुखी तथा पालमपुर के वीएमआरटी में रखा जाएगा। इसको लेकर प्रशासन द्वारा इनका निरीक्षण तथा वहां पर उपलब्ध व्यवस्थाओं को भी जांचा जा रहा है। डीसी कांगड़ा ने बताया कि टीएमसी में कोविड-19 के सीरियस मरीजों को रखने की योजना है।
टांडा अस्पताल के स्टाफ को किया क्वांरटाइन
डॉ. राजेंद्र प्रसाद मैडीकल कालेज एवं अस्पताल टांडा में कोविड-19 संक्रमित मरीज के उपचार के लिए आइसोलेशन वार्ड में तैनात स्टाफ को क्वारंटाइन किया गया है। वीरवार को अस्पताल के चिकित्सकों, पैरामैडीकल सहित 15 सदस्यीय स्टाफ को अलग-अलग होटलों में क्वांरटाइन किया गया है। टीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेंद्र सिंह भारद्वाज ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में तैनात 4 चिकित्सकों, 4 स्टाफ नर्स, 4 वार्ड ब्वायज तथा 3 सफाई कर्मचारियों को पैसिव क्वारंटाइन किया गया है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन है कि कोविड-19 संक्रमित मरीजों के आइसोलेशन वार्ड में तैनात स्टाफ को घर भेजने से पहले 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाए।
जमातियों के फोन की फोरैंसिक लैब में जांच
तब्लीगी जमात से संबंध रखने वाले व्यक्तियों में कोविड-19 संक्रमित आंकड़ा बढऩे के बाद दिल्ली से कनैक्शन वाले लोगों के फोन फोरैंसिक लैब में भी जांच की जा रही है। कांगड़ा, ऊना तथा चम्बा से ऐसे लोगों के फोन क्षेत्रीय फोरैंसिक लैब धर्मशाला में विशेषज्ञों द्वारा जांचे जा रहे हैं। धर्मशाला फोरैंसिक लैब धर्मशाला की उपनिदेशक डॉ. मीनाक्षी महाजन ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों से तब्लीगी जमात समुदाय के लोगों के मोबाइल फोन की जांच की जा रही है।
सोरिग तिब्बती हर्बल क्लीनिक को दवाई भेजने की अनुमति
जिला प्रशासन ने धर्मशाला के समीपवर्ती सुधेड़ स्थित सोरिग तिब्बती हर्बल क्लीनिक को अपने मरीजों को दवाई भेजने की अनुमति प्रदान की है। क्लीनिक द्वारा मरीजों को स्पीड पोस्ट के माध्यम से दवाई भेजी जा सकती है। इस क्लीनिक में ज्यादातर लोग तिब्बती पद्धति के माध्यम से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के उपचार के लिए पहुंचते हैं। डीसी कांगड़ा ने बताया कि सोरिग तिब्बती हर्बल क्लीनिक के डॉ. चोफेल कालसांग को स्पीड पोस्ट के माध्यम से अपने रोगियों को दवाई भेज सकते हैं।