पूर्व मंत्री सुखराम ने खेला दांव, मंडी लोकसभा सीट पर जताई दावेदारी

Edited By Vijay, Updated: 19 Sep, 2018 09:13 PM

former minister sukhram played the stakes claiming the mandi lok sabha seat

मंडी लोकसभा सीट पर 92 वर्षीय पूर्व मंत्री पं. सुखराम ने दावेदारी जता दी है। हालांकि उनकी यह दावेदारी कहां तक व्यावहारिक हो सकती है लेकिन इतना तय है कि उन्होंने अपने परिवार के लिए दांव खेलते हुए भाजपा को संकट में डाल दिया है।

मंडी: मंडी लोकसभा सीट पर 92 वर्षीय पूर्व मंत्री पं. सुखराम ने दावेदारी जता दी है। हालांकि उनकी यह दावेदारी कहां तक व्यावहारिक हो सकती है लेकिन इतना तय है कि उन्होंने अपने परिवार के लिए दांव खेलते हुए भाजपा को संकट में डाल दिया है। अभी सिर्फ 9 माह पहले उनके बेटे अनिल शर्मा कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए हैं लेकिन अब लोकसभा चुनाव के लिए उनकी दावेदारी ने सबको चौंका दिया है। पं. सुखराम का कहना है कि अगर भाजपा चाहेगी तो उनके परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव लड़ सकता है।

पोते आश्रय शर्मा को सक्रिय राजनीति में लाने की चाह
पूर्व में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर संसद में पहुंचे सुखराम राजीव गांधी तथा नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में खाद्य आपूर्ति, रक्षा, योजना और संचार मंत्री के रूप में अपनी सियासी पहचान बना चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से छत्तीस का आंकड़ा होने की वजह से मंडी से मुख्यमंत्री पद की दौड़ में भी रहे मगर उसके बाद कांग्रेस से निकाले जाने के बाद हिमाचल विकास कांग्रेस के नाम से अलग सियासी दल बनाकर पहली बार प्रदेश में गठबंधन की सरकार बना डाली। हिविकां का कांग्रेस में विलय होने के बाद 2 दशक तक वीरभद्र सिंह से मतभेदों के चलते गत विधानसभा चुनावों से पूरे परिवार सहित भाजपा में शामिल हो गए। वर्तमान में पं. सुखराम के बेटे अनिल शर्मा प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री हैं। सुखराम स्वयं अदालती झमेलों के चलते सक्रिय राजनीति को अलविदा कह चुके हैं। इसके बावजूद अपने पोते आश्रय शर्मा को सक्रिय राजनीति में लाने की चाह उनके मन में है।

बहुत सोच-विचार कर लिया भाजपा में जाने का निर्णय
पं. सुखराम ने कहा कि उन्होंने बहुत सोच-विचार कर भाजपा में जाने का निर्णय लिया है और मोदी का हाथ पकड़ा है। उनके परिवार के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस को चुनाव में भारी नुक्सान हुआ है। मंडी जिला में पहली बार भाजपा को 10 में से 9 सीटें मिली हैं। अगर पार्टी हाईकमान चाहेगा तो लोकसभा चुनाव में चारों सीटों पर भाजपा के पक्ष में प्रचार करूंगा। मंडी से भी अगर पार्टी चाहेगी तो मेरे परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव लड़कर भारी मतों से इस सीट को जीत सकता है। उन्होंने कहा कि मंडी सदर सीट से 13 चुनाव उन्होंने तथा 4 चुनाव उनके बेटे अनिल शर्मा ने जीते हैं।

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