धर्मशाला का मिनी सचिवालय बना सफेद हाथी, पूर्व कांग्रेस विधायक ने घेरी सरकार (Video)

Edited By Vijay, Updated: 14 Aug, 2019 07:02 PM

प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला का मिनी सचिवालय सरकार कि बेरुखी के चलते सफेद हाथी नजर आ रहा है। प्रदेश में भाजपा की सरकार लगभग 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने जा रही है, बावजूद इसके एक भी मंत्री लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए मिनी सचिवालय में नही...

धर्मशाला (नृपजीत निप्पी): प्रदेश की दूसरी राजधानी धर्मशाला का मिनी सचिवालय सरकार कि बेरुखी के चलते सफेद हाथी नजर आ रहा है। प्रदेश में भाजपा की सरकार लगभग 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने जा रही है, बावजूद इसके एक भी मंत्री लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए मिनी सचिवालय में नही बैठ रहा है। हैरानी कि बात तो ये है कि कांगड़ा जिला से 4 मंत्री होते हुए भी कांगड़ा सहित आसपास के जिलों की अनदेखी होने से लोगों में रोष पनप रहा है और लोगों को अपने काम करवाने के लिए शिमला के चक्कर काटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। हांलाकि प्रदेश में भाजपा कि सरकार बनने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हर महीने कोई न कोई मंत्री मिनी सचिवालय में बैठने कि बात कही थी, बावजूद इसके अभी तक किसी ने इस और ध्यान नही दिया है।

धर्मशाला से विधायक एवं प्रदेश सरकार में कबीना मंत्री किशन कपूर के हाल ही में सांसद बनने के बाद राजनीतिक दृष्टी से महत्वपूर्ण जिला कांगड़ा में जहां एक मंत्री पद रिक्त हुआ वहीं लोगों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है क्योंकि अब धर्मशाला भी पूरी तरह से विरान हो गया है। सत्ता का द्वार कहे जाने वाले जिला कांगड़ा की अनदेखी को लेकर धर्मशाला से पूर्व कांग्रेस विधायक एव पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा ने भी भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मिनी सचिवालय धर्मशाला में नियमित तौर पर मंत्री बैठा करते थे, जिससे निचले हिमाचल के लोगों की शिकायतों का निवारण मिनी सचिवालय में ही हो जाता था।

कांग्रेस नेता ने कहा कि यहां पर विधानसभा का सत्र होता है और कांग्रेस सरकार ने धर्मशाला को दूसरी राजधानी का दर्जा दिया था और इसकी अधिसूचना भी जारी की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि मिनी सचिवालय में मंत्रियों का न बैठना यह दर्शाता है कि भाजपा जनता कि मांगों, मुद्दों एवं समस्याओं से दूर भाग रही है और उनके ऊपर कोई कम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओ में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन को लेकर जंग छिड़ी हुई है और लोगों के काम के लिए उनके पास समय नहीं है।

भाजपा विधायकों और संगठन के बीच जारी खींचतान को लेकर सुधीर शर्मा ने कहा कि यह उनका अंदरूनी मामला है। वहीं मिनी सचिवालय को लेकर लोगों का कहना है कि यहां पर किसी मंत्री ने नहीं बैठना है तो सरकार को इस करोड़ाें के भवन को बंद करके किसी और कार्य के लिए प्रयोग करना चाहिए। गौरतलब है कि धर्मशाला के मिनी सचिवालय में मंत्रियों के बैठने से कांगड़ा, चम्बा व हमीरपुर सहित कई जिलों को सीधा लाभ पहुंचता है।

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