Edited By prashant sharma, Updated: 09 Apr, 2021 05:11 PM
मध्य प्रदेश की तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश में भी सवर्ण आयोग के गठन की मांग जोर पकड़ने लगी है। वही हिमाचल प्रदेश क्षत्रिय महासभा के द्वारा भी इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है। हिमाचल प्रदेश क्षत्रिय महासभा के द्वारा इस आयोग के गठन के लिए अब भूख हड़ताल...
कुल्लू (संजीव/दिलीप): मध्य प्रदेश की तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश में भी सवर्ण आयोग के गठन की मांग जोर पकड़ने लगी है। वही हिमाचल प्रदेश क्षत्रिय महासभा के द्वारा भी इसके लिए रणनीति तैयार की जा रही है। हिमाचल प्रदेश क्षत्रिय महासभा के द्वारा इस आयोग के गठन के लिए अब भूख हड़ताल के साथ-साथ प्रदर्शन करने की रणनीति भी बनाई गई है। जिला कुल्लू में क्षत्रिय महासभा के द्वारा एक बैठक भी आयोजित की गई। वही सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र राजपूत ने कहा कि मध्य प्रदेश की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी सवर्ण आयोग के गठन के लिए को लेकर सवर्ण समाज में लोगों की मांग बढ़ती जा रही है। ऐसे में क्षत्रिय महासभा अन्य सवर्ण सामाजिक संगठनों से भी आग्रह करती है कि वे भी आयोग के गठन के लिए प्रदेश सरकार के साथ चर्चा करें।
जितेंद्र राजपूत का कहना है कि हालांकि क्षत्रिय महासभा ने भी इस गठन के लिए पहले प्रदेश सरकार से आग्रह किया था लेकिन अब तक उनकी इस मांग पर कोई गौर नहीं हो पाया है। जिसके चलते अब 12 अप्रैल से भूख हड़ताल भी शुरू की जाएगी और 3 दिन के बाद भूख हड़ताल में शामिल कोई भी सदस्य जल को भी ग्रहण नहीं करेगा। उसके बाद भी अगर प्रदेश सरकार के द्वारा उनकी इस मांग पर गौर नहीं किया गया तो 20 अप्रैल को शिमला में सभा के हजारों सदस्यों के द्वारा सचिवालय का भी घेराव किया जाएगा। जितेंद्र का कहना है कि सवर्ण आयोग का गठन आज के दौर में इसलिए भी जरूरी हो गया है कि सवर्ण समाज के लोगों को समानता का अधिकार नहीं मिल पा रहा है। सरकार की योजनाएं भी अनुसूचित जाति के लोगों के लिए ही चलाई जा रही हैं जबकि सरकार को अब जातिगत आरक्षण को छोड़कर आर्थिक आधार पर सभी लोगों को समान रूप से आरक्षण देना चाहिए। ताकि सवर्ण समाज में भी उपेक्षित व गरीब लोगों को सरकारी सहायता मिल सके। गौर रहे कि इस दौरान शिमला में आयोजित किए जाने वाले प्रदर्शन को लेकर भी विशेष रूप से चर्चा की गई और निर्णय लिया गया कि जिला कुल्लू से भी 500 लोग इस प्रदर्शन में भाग लेंगे।