जनमंच बना अधिकारियों को प्रताड़ित करने का मंच : सोहन लाल

Edited By Vijay, Updated: 05 Nov, 2019 03:52 PM

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अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य एवं पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश का जनमंच लोगों की समस्याओं का निवारण करने की बजाय अधिकारियों काे प्रताड़ित करने का मंच होकर रह गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जयराम सरकार द्वारा प्रदेश में चलाए जा...

सुंदरनगर (नितेश सैनी): अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य एवं पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश का जनमंच लोगों की समस्याओं का निवारण करने की बजाय अधिकारियों काे प्रताड़ित करने का मंच होकर रह गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि जयराम सरकार द्वारा प्रदेश में चलाए जा रहे जनमंच कार्यक्रम में अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने इस पर चिंता जताई है। उन्होंने जारी बयान में कहा कि सार्वजनिक मंचों पर अधिकारियों का अपमान कर भारतीय जनता पार्टी के मंत्री सरकारी सेवा नियमों की अवहेलना के साथ ही उन्हें डराने का भी प्रयास कर रहे हैं जोकि पूरी तरह गैर-कानूनी है। उन्होंने दावा किया कि सरकार का जनमंच कार्यक्रम उपहास बनकर रहता जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि जनमंच के नाम पर सरकारी मशीनरी और सरकारी धन का दुरुपयोग कर अपने राजनीतिक एजैंडे पर काम किया जा रहा है। इससे आम लोगों को कोई लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि देखा गया है कि जनमंच में अधिकारियों पर दबाव बनाकर उन्हें अपने कुछ चहेतों को कथित तौर पर लाभ पहुंचाने में अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नादाैन में जनमंच में सचिव के निलंबन जैसी कार्रवाई करना निंदाजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रति जनमंच के आयोजन पर 2 से 3 लाख रुपए तक राशि खर्च की जा रही है और रूटीन के किए जाने वाले कार्यों को जनमंच में निपटाया जा रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2018 में आयोजित किए गए जनमंच में मरैहड़ा बदैहण जैसे क्षेत्र की आई शिकायतें सहित दर्जनों ऐसी शिकायतें हैं जिन्हें अभी तक सुलझाने का नाम नहीं लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गैस बांटने के नाम पर सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ जुटाने से अधिक कोई कार्यक्रम आगे नहीं बढ़ पाया है। प्री-जनमंच एक माह से सुंदरनगर में चलता रहा, मंडल के अधिकारी गांव में घूम-घूम कर कार्य करते रहे, जिससे पूरे मंडल का विकास कार्य सहित लोगों के संबंधित कार्य ठप्प रहे। मंडल के सारे अधिकारी मात्र 14 पंचायतों के कार्याें काे निपटाने में मशगूल रहे

। इस तरह के धन खर्च से प्रदेश को चूना लगाकर भाजपा के मंत्री वाहवाही लूटने से अधिक कोई कार्रवाई करने में नाकाम रहे हैं। सरकार द्वार लोगों की समस्याएं सुलझाने के लिए शुरू किया गया जनमंच राजनीतिक स्टेज बन कर रह गया है। प्रदेश भर में अभी तक जनमंच पर करोड़ों रुपए की राशि खर्च की जा चुकी है। सरकारी अधिकारियों को पूर्ण सार्वजनिक तौर पर मंच में राजनीतिक धौंस से अपमानित किया जाता है।

 

 

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